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Bhagat Singh Birthday : जानें शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जीवन से जुड़ी 10 रोचक बातें

Bhagat Singh Birthday : कहा जाता है कि जब भगत सिंह को फांसी दी जा रही थी, तो भी उनके चेहरे पर मुस्कान थी, सर और सीना गर्व से ऊपर उठा हुआ था। आज उसी शहीद भगत सिंह की जयंती है। जानें उनसे जुड़ी बातें-

Bhagat Singh Birthday : जानें शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जीवन से जुड़ी 10 रोचक बातें
Pankaj Vijayलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 28 Sep 2022 07:20 AM

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Bhagat Singh Birthday : आज 28 सितंबर को आजादी के मतवाले और हंसते-हंसते मातृभूमि पर अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती है। भारत मां के वीर सपूत और भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। लोग एक दूसरे को मोबाइल पर भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार शेयर कर रहे हैं। अपने कारनामों, विचारों और ओजस्वी व्यक्तित्व से भगत सिंह आज भी देश के नौजवानों के दिलों में अपनी एक अलग जगह रखते हैं। भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों और भाषणों ने गुलाम भारत के युवाओं के दिलों में आजादी पाने की ललक जगाई और नतीजतन वे भी स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में कूद गए। कहा जाता है कि जब भगत सिंह को फांसी दी जा रही थी, तो भी उनके चेहरे पर मुस्कान थी, सर और सीना गर्व से ऊपर उठा हुआ था। आज उसी शहीद भगत सिंह की जयंती है। 

यहां जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें- 

1. भगत सिह का जन्म पंजाब प्रांत में लायपुर जिले के बंगा में 28 सितंबर, 1907 को पिता किशन सिंह और माता विद्यावती के घर हुआ था। 

2. भगत सिंह के पिता किशन सिंह, चाचा अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। भगत सिंह की पढ़ाई लाहौर के डीएवी हाई स्कूल में हुई।

Bhagat Singh Birthday : भगत सिंह जयंती पर शेयर करें उनके ये 10 क्रांतिकारी विचार

3. 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन रौलट एक्ट के विरोध में देशवासियों की जलियांवाला बाग में सभा हुई। ब्रिटिश जनरल डायर के क्रूर और दमनकारी आदेशों के चलते निहत्थे लोगों पर अंग्रेजी सैनिकों ने ताबड़बतोड़ गोलियों की बारिश कर दी। इस अत्याचार ने देशभर में क्रांति की आग को और भड़का दिया। 12 साल के भगत सिंह पर इस सामुहिक हत्याकांड का गहरा असर पड़ा। उन्होंने जलियांवाला बाग के रक्त रंजित धरती की कसम खाई कि अंग्रेजी सरकार के खिलाफ वह आजादी का बिगुल फूंकेंगे। उन्होंने लाहौर नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर 'नौजवान भारत सभा' की स्थापना कर डाली।

4. भगत सिंह ने सुखदेव और राजगुरु के साथ मिलकर काकोरी कांड को अंजाम दिया

5. भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अफसर जेपी सांडर्स को मारा था। इसमें चन्द्रशेखर आज़ाद ने उनकी पूरी सहायता की थी।

6. क्रांतिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने अलीपुर रोड दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे।
7. भगत सिंह जन्म के समय एक सिख थे, उन्होंने अपनी दाढ़ी मुंडवा ली और हत्या के लिए पहचाने जाने और गिरफ्तार होने से बचने के लिए अपने बाल काट लिए। वह लाहौर से कलकत्ता भागने में सफल रहे।

 
8. भगत सिंह का 'इंकलाब जिंदाबाद' नारा काफी प्रसिद्ध हुआ। वो हर भाषण और लेख में इसका जिक्र करते थे।

9. भगत सिंह को 7 अक्टूबर 1930 को मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे उन्होंने साहस के साथ सुना। 

10. भगत सिंह को 24 मार्च 1931 को फांसी देना तय किया गया था, लेकिन अंग्रेज इतना डरे हुए थे कि उन्हें 11 घंटे पहले ही 23 मार्च 1931 को उन्हें 7:30 बजे फांसी पर चढ़ा दिया गया।

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