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Bhagat Singh Birthday: भगत सिंह जयंती पर पढ़ें उनके 10 क्रांतिकारी विचार

Bhagat Singh Birth Anniversary: हंसते-हंसते देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आज (28 सितंबर) जयंती है। शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) का जन्म पंजाब प्रांत के लायपुर जिले के बगा...

Bhagat Singh Birthday: भगत सिंह जयंती पर पढ़ें उनके 10 क्रांतिकारी विचार
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 28 Sep 2019 11:12 AM
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Bhagat Singh Birth Anniversary: हंसते-हंसते देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आज (28 सितंबर) जयंती है। शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) का जन्म पंजाब प्रांत के लायपुर जिले के बगा में 28 सितंबर 1907 को हुआ था। देश के सबसे बड़े क्रांतिकारी और अंग्रेजी हुकूमत की जड़ों को अपने साहस से झकझोर देने वाले भगत सिंह ने नौजवानों के दिलों में आजादी का जुनून भरा था। महात्‍मा गांधी ने जब 1922 में चौरीचौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को खत्‍म करने की घोषणा की तो भगत सिंह का अहिंसावादी विचारधारा से मोहभंग हो गया। उन्‍होंने 1926 में देश की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्‍थापना की।  23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह को सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर षडयंत्र के आरोप में अंग्रेजी सरकार ने फांसी पर लटका दिया। यह माना जाता है कि मृत्युदंड के लिए 24 मार्च की सुबह ही तय थी, मगर जनाक्रोश से डरी सरकार ने 23-24 मार्च की मध्यरात्रि ही फांसी पर लटका दिया था। 

आज उनकी जयंती पर पढ़ें 10 विचार: 

1. बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है। 

2. निष्‍ठुर आलोचना और स्‍वतंत्र विचार, ये दोनों क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।

3. राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है. मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में आजाद है।

4. प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्‍तों को अक्‍सर लोग पागल कहते हैं।

5. जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।

6. व्‍यक्तियों को कुचलकर भी आप उनके विचार नहीं मार सकते हैं।

7. निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।

8. 'आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसी के अभ्यस्त हो जाते हैं। बदलाव के विचार से ही उनकी कंपकंपी छूटने लगती है। इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की दरकार है।'

9. 'वे मुझे कत्ल कर सकते हैं, मेरे विचारों को नहीं। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं लेकिन मेरे जज्बे को नहीं।'

10. अगर बहरों को अपनी बात सुनानी है तो आवाज़ को जोरदार होना होगा. जब हमने बम फेंका तो हमारा उद्देश्य किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था। अंग्रेजों को भारत छोड़ना और उसे आजाद करना चाहिए।'

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