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एजेंसी पर शक: UPTET से पहले UPSSSC , UPPSC, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षांए भी की जा चुकी हैं निरस्त

पेपर लीक के कारण उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) निरस्त कर दी गई पर अभी तक इसके मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसके पीछे कौन लोग हैं, कहां से और कैसे पेपर लीक हो गया, इसकी अभी...

एजेंसी पर शक: UPTET से पहले UPSSSC , UPPSC, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षांए भी की जा चुकी हैं निरस्त
संजोग मिश्र,प्रयागराजTue, 30 Nov 2021 07:39 AM
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पेपर लीक के कारण उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) निरस्त कर दी गई पर अभी तक इसके मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसके पीछे कौन लोग हैं, कहां से और कैसे पेपर लीक हो गया, इसकी अभी जांच चल रही है। विभागीय अफसरों की मानें तो इस मामले में पेपर छापने की जिम्मेदारी उठाने वाले निजी प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका संदिग्ध है।

प्रिटिंग प्रेस की भूमिका पर पहली बार सवाल नहीं उठा है। लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती-2018 को लेकर भी यह सवाल उठा था। एसटीएफ ने आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस कारण आयोग को पीसीएस सहित कई भर्ती परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थीं। अधीनस्थ सेवा आयोग की नलकूप आपरेटर भर्ती 2018 परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी इनकी भूमिका पर सवाल उठे थे। परीक्षा आयोजित करने वाली नोएडा की एजेंसी को आयोग ने प्रतिबंधित कर दिया था।

नाम बदलकर चलाते हैं कई फर्म
ऐसे में बड़ा सवाल है कि सरकारी प्रिंटिंग प्रेस होने के बावजूद निजी लोगों को पेपर छापने जैसे अति गोपनीय और महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी आखिर क्यों दी जाती है। अफसर जानते हैं कि एक ही व्यक्ति नाम बदल-बदल कर कई एजेंसी को संचालित करता है। एक एजेंसी ब्लैक लिस्ट होती है तो उसी व्यक्ति की दूसरी एजेंसी को काम मिल जाता है। ऐसे में विश्वनीयता का सवाल बना रहता है। भर्ती परीक्षा के कार्यों के लिए कम्प्यूटर फर्म या प्रिंटिंग प्रेस के चुनाव में कई बार दबाव की सुगबुगाहट भी सामने आई लेकिन सबकुछ अंदरखाने में ही दबा रह गया। निजी एजेंसी के पास ही प्रश्नपत्र छापने के साथ सभी 75 जिलों के कोषागार में डबल लॉक तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। हालांकि पेपर पहुंचाने के दौरान बहुत सावधानी बरती जाती है। गाड़ी सील रहती है, उसके बावजूद कैसे और कहां से नकल माफिया ने पेपर में सेंध लगा दी, इस प्रश्न का जवाब अब तक नहीं मिल सका है।

गवर्नमेंट प्रेस में संसाधनों की कमी
शासन ने एक बार टीईटी और शिक्षक भर्ती के पेपर गर्वनमेंट प्रेस से छपवाने का निर्णय लिया था। अधिकारियों की बैठक भी हुई लेकिन राजकीय मुद्रणालय के अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए। राजकीय मुद्रणालय के अफसरों का कहना था कि वह पेपर तो छाप देंगे लेकिन संसाधनों की कमी के कारण जिलों के कोषागार तक उसे पहुंचाने की जिम्मेदारी परीक्षा आयोजन कराने वाली संस्था को उठानी होगी। यही कारण है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी हो या दूसरी भर्ती संस्थाएं, किसी ने जिलों तक पेपर पहुंचाने का जोखिम नहीं लिया। गर्वनमेंट प्रेस से प्रश्नपत्र छपवाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गईं। यदि गर्वनमेंट प्रेस के पास समुचित संसाधन हो तो शायद इतने गोपनीय काम में निजी फर्म का सहारा लेने की जरूरत न पड़े।

सचिव शासन में तलब, हो रहा मंथन
टीईटी की जिम्मेदारी उठाने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव संजय कुमार उपाध्याय लखनऊ तलब किए गए हैं। सोमवार को वह राजधानी में मौजूद रहे। पेपर लीक होने से लेकर परीक्षा की नई तिथि पर उच्च अधिकारी मंथन कर रहे हैं।

गड़बड़ियों के कारण निरस्त हो चुकी हैं ये बड़ी भर्ती परीक्षाएं

पीसीएस 2015: 
29 मार्च 2015 को हुई पीसीएस प्री 2015 परीक्षा का पहला प्रश्न पत्र लखनऊ के एक सेंटर से आउट हो गया था। आयोग को परीक्षा निरस्त कर 10 मई 2015 को फिर से परीक्षा करानी पड़ी थी।

आरओ-एआरओ 2016: 
27 नवंबर 2016 को हुई समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) भर्ती 2016 का पेपर लखनऊ के एक केंद्र से आउट होने के आरोप लगे थे। हालांकि सीबीसीआईडी जांच में पेपर लीक की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन इस आरोप में यह भर्ती चार साल तक लंबित रही। 2020 में आयोग को पूरी परीक्षा निरस्त कर फिर से करानी पड़ी।

दरोगा भर्ती 2016: 
यूपी पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड की ओर से 25 एवं 26 जुलाई 2017 को ऑनलाइन परीक्षा होनी थी। इससे पूर्व 21 जुलाई को हुई इस परीक्षा का पेपर  व्हाट्सएप पर वायरल होने के कारण 25 एवं 26 जुलाई की परीक्षा स्थगित करनी पड़ी थी। यह भर्ती 3307 पदों के लिए होनी थी। नौ लाख से ज्यादा ने आवेदन किया था।

पॉवर कार्पोरेशन की जेई भर्ती 2018: 
फरवरी 2018 में पॉवर कार्पोरेशन की ओर से आयोजित जेई भर्ती 2018 को पेपर लीक एवं परीक्षा में धांधली की शिकायतों के कारण निरस्त करना पड़ा था। एसटीएफ की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद विद्युत सेवा आयोग के अध्यक्ष और सचिव को निलंबित किया गया था।

लोअर सबआर्डिनेट 2016: 
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 15 जुलाई 2018 को आयोजित लोअर सबआर्डिनेट 2016 भर्ती की परीक्षा को एसटीएफ की जांच के बाद निरस्त कर दिया गया था। एसटीएफ की जांच में पेपर लीक होने की पुष्टि हुई थी। 700 पदों के लिए हुई इस परीक्षा के लिए छह लाख से अधिक ने आवेदन किया था।

नलकूप आपरेटर भर्ती 2018: 
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से सितंबर 2018 में 3210 पदों के लिए हुई नलकूप आपरेटर भर्ती परीक्षा पेपर लीक के कारण स्थगित करनी पड़ी थी। परीक्षा से पूर्व ही इसका पेपर वायरल हो गया था। एसटीएफ ने मेरठ से आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से पेपर बरामद किया गया था।

सिपाही भर्ती 2018: 
18 और 19 जून को दूसरी पाली में हुई परीक्षा को निरस्त करना पड़ा था। हालांकि इसकी वजह पेपर लीक नहीं थी। प्रयागराज और एटा के कुछ परीक्षा केंद्रों पर दोनों पालियों में दिए गए प्रश्न पत्रों में कोई अंतर नहीं था। परीक्षार्थियों ने पेपर लीक होने के आरोप लगाए थे।

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