ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News करियर'बंदे उत्कल जननी' को ओडिशा में मिला राज्य गान का दर्जा

'बंदे उत्कल जननी' को ओडिशा में मिला राज्य गान का दर्जा

ओडिशा मंत्रिमंडल ने रविवार को 'बंदे उत्कल जननी' को राज्य गान का दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। संसदीय कार्य मंत्री बिक्रम केशरी अरुख ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता...

'बंदे उत्कल जननी' को ओडिशा में मिला राज्य गान का दर्जा
एजेंसी,भुवनेश्वरSun, 07 Jun 2020 08:28 PM
ऐप पर पढ़ें

ओडिशा मंत्रिमंडल ने रविवार को 'बंदे उत्कल जननी' को राज्य गान का दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। संसदीय कार्य मंत्री बिक्रम केशरी अरुख ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने बंदे उत्कल जननी को राज्य गान का दर्जा प्रदान किया।

 

यह एक देशभक्ति कविता है, जो सन् 1912 में कांता कवि लक्ष्मीकांता महापात्र द्वारा लिखी गई थी। यह एक अलग प्रांत के गठन की लड़ाई के दौरान उत्कल सम्मिलनी का शुरुआती गान रहा।

अरुख ने कहा, 'यह गाना ओडिशा के लोगों को युगों से प्रेरित करता रहा है। 'बंदे उत्कल जननी' को राज्य गान का दर्जा प्रदान करने की यहां के लोगों की काफी लंबे समय से मांग रही है।'

इस गीत को राज्य के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए खुशी जाहिर। आप भी सुनें-

उन्होंने आगे कहा, “यह अब सभी सरकारी कार्यक्रमों व राज्य विधानसभा में बिना वाद्य यंत्र के बजाया जाएगा, लेकिन इसके साथ ही सभी सरकारी विद्यालय, कॉलेज व समारोह में इसे वाद्य यंत्रों के साथ बजाने की अनुमति है।” 

मंत्री ने कहा कि गाना बजने पर लोगों को इसके प्रति सम्मान भाव दिखाना आवश्यक है, हालांकि बुजुर्गों, बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसमें छूट दी गई है।

Virtual Counsellor