Assam Education : तीसरी कक्षा में अंग्रेजी भाषा लागू करने के खिलाफ विधानसभा में हंगामा और वॉकआउट
असम विधानसभा में सोमवार को स्थानीय माध्यम के सरकारी स्कूलों में तीसरी कक्षा से बच्चों को अंग्रेजी भाषा में गणित और विज्ञान की पढ़ाई कराने के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हंगामा देखने को मिला और सदस्यों

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असम विधानसभा में सोमवार को स्थानीय माध्यम के सरकारी स्कूलों में तीसरी कक्षा से बच्चों को अंग्रेजी भाषा में गणित और विज्ञान की पढ़ाई कराने के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हंगामा देखने को मिला और सदस्यों ने सदन से वाकआउट (बहिर्गमन) किया। नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया और उपनेता रकीबुल हुसैन ने सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इन दोनों विषयों को अंग्रेजी भाषा में पढ़ाने के फैसले का नकारात्मक असर विद्यार्थियों पर होगा। सैकिया ने कहा कि यह फैसला नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विपरीत है, जिसमें छोटे बच्चों की पढ़ाई का माध्यम स्थानीय भाषा रखने पर जोर दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि सरकर इस तरह के फैसलों से अपनी अवसंरचना की कमी को छिपाने की कोशिश कर रही है। हुसैन के कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सरकार का खर्च बढ़ रहा है, लेकिन सरकारी स्कूलों में पंजीकरण कराने वाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी आ रही है।
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अमीनुल इस्लाम ने सरकार के इस फैसले को लागू करने के लिए शिक्षकों की उपलब्धता पर सवाल उठाया। निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने अवसंरचना, योग्य शिक्षकों की उपलब्धता और अन्य मुद्दों को लेकर सवाल किया। आसन पर मौजूद विधानसभा उपाध्यक्ष नुमल मोमिन ने अतिरिक्त पांच मिनट का समय खत्म होने पर भाषण खत्म करने को कहा तो विधायक ने और समय की मांग की और हंगामा करते हुए आसन के समक्ष आ गए। मोमिन ने गोगोई को पांच मिनट के लिए निलंबित करने का आदेश दिया और मार्शल से उन्हें सदन से बाहर ले जाने को कहा।
चर्चा पर जवाब देते हुए शिक्षामंत्री रनोज पेगु ने जब कहा कि अंग्रेजी भाषा में इन दो विषयों को पढ़ाने का फैसला नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुकूल है, जो ''बहु भाषा'' पर ध्यान केंद्रित करता है तो सदन में हंगामा देखने को मिला। सरकार के फैसले का विरोध करते हुए गोगोई दोबारा सदन में आए और एक बार फिर आसन के सामने आकर हंगामा किया और विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सदस्यों ने भी विरोध किया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अंग्रेजी के माध्यम से पढ़ाई कक्षा आठ से है न कि तीसरी कक्षा से।
