अग्निवीर भर्ती : रात के समय बैग में तलाशे गए ताकत बढ़ाने वाले इंजेक्शन, रेस में 2300 दौड़े, पास हुए 300
सेना में अग्निवीर बनने के लिए पहले दिन बुधवार को छावनी स्थित रणबांकुरे मैदान में 2300 अभ्यर्थियों ने दौड़ लगाई। रात में ही उनके बैग की जांच की गई, ताकि उनके पास कोई शक्तिवर्धक दवाएं न हो।

सेना में अग्निवीर बनने के लिए पहले दिन बुधवार को छावनी स्थित रणबांकुरे मैदान में 2300 अभ्यर्थियों ने दौड़ लगाई। इसमें से 300 अभ्यर्थी सफल हुए। सेना भर्ती कार्यालय वाराणसी के निदेशक कर्नल ऋषि दुबे ने बताया कि रेस में सफल अभ्यर्थियों की शारीरिक परीक्षा, स्वास्थ्य परीक्षण कर अंतिम सूची जारी की जाएगी। बता दें कि यूपी के 12 जनपदों के लिए अग्निपथ योजना के तहत रैली 16 नवंबर से 6 दिसंबर तक चल रही है। रैली के पहले दिन बुधवार को गोरखपुर के चौरीचौरा व बांसगांव के 3903 युवाओं को मौका दिया गया था। हालांकि दौड़ में 2300 अभ्यर्थी ही शामिल हुए। मंगलवार की रात 12 बजे के बाद अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की गई। बारी-बारी से जांच के बाद रात में ही उनके बैग की जांच की गई, ताकि उनके पास कोई शक्तिवर्धक दवाएं न हो। जांच में शैक्षणिक प्रमाणपत्र सही पाये जाने के बाद लंबाई माप कर अलग किया गया। इसके बाद तय संख्या में कई चक्र में 1600 मीटर की दौड़ कराई गई।
करीब 1900 अभ्यर्थी कम पहुंचे
रैली के पहले दिन गोरखपुर के चौरीचौरा व बांसगांव के 3903 युवाओं को मौका दिया गया था। हालांकि करीब 1900 अभ्यर्थी दौड़ में शामिल नहीं हुए। वहीं कई शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच में छांट दिये गये। जरूरी कागजात न होने या खामियां मिलने पर उन्हें रैली से बाहर कर दिया गया। रात में कई अभ्यर्थी रेस में शामिल करने के लिए मिन्नत करते रहे लेकिन उन्हें लौटा दिया गया।
अपील: सभी जरूरी दस्तावेज लाएं
बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के छंटने के बाद सेना के अफसरों ने अपील की है कि शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की वास्तविक कापी, उसकी फोटो प्रति, इसके साथ मांगे गये सभी जरूरी दस्तावेज लेकर आएं। ताकि वापस न जाना हो।
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आज गोरखपुर के 3773 को मौका
रैली के दूसरे दिन 17 नवंबर को गोरखपुर जिले के सहजनवा और गोला तहसील के 3773 अभ्यर्थियों को मौका दिया गया है। ये अभ्यर्थी बुधवार को ही छावनी क्षेत्र में आ गये।
असफल अभ्यर्थियों को ट्रक से भेजा
दौड़ में असफल अभ्यर्थियों को रोडवेज और बस स्टैंड ले जाने के लिए तीन ट्रक और बस लगाया गया है। ट्रक से सभी को बाहर तक छोड़ा गया, जहां से वे दूसरे वाहनों से गंतव्य के लिए रवाना हुए।