KVPY एग्जाम में हाजीपुर के अर्चित को देशभर में दूसरी रैंक, वैज्ञानिक बनने का है सपना
अखिल भारतीय स्तर पर केवीपीवाई (किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना) के तहत हुई मेघा प्रतियोगिता परीक्षा में हाजीपुर के लाल ने देशभर में दूसरी रैंक हासिल की। 17 वर्षीय किशोर अर्चित बूबना ने...
अखिल भारतीय स्तर पर केवीपीवाई (किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना) के तहत हुई मेघा प्रतियोगिता परीक्षा में हाजीपुर के लाल ने देशभर में दूसरी रैंक हासिल की। 17 वर्षीय किशोर अर्चित बूबना ने प्रतियोगिता में सफलता अर्जित की और वैशाही के साथ बिहार का भी मान बढ़ाया। इससे पहले भी अर्चित बूबना को 2016 में इंडोनेशिया में हुए इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलपियाड में बेहतर प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल से नवाजा गया था। अर्चित शहर के प्रमुख व्यवसायी कृष्ण कुमार बूबना के पौत्र और विशाल बूबना के पुत्र हैं। व्यवसायिक घराने का यह लाल वैज्ञानिक बनने की राह पर निकल पड़ा है।
अर्चित के पिता विशाल बूबना ने फोन पर हुई बातचीत के दौरान बताया कि अर्चित को बचपन से ही विज्ञान से विशेष लगाव है। बाल्यकाल में ही उसके तेज दिमाग की झलक मिलने लगी थी। बचपन से आज तक बेहतर रिजल्ट करता आ रहा है। वह नई दिल्ली के अमेटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। अभी वह 12वीं परीक्षा दे चुका है। रिजल्ट का इंतजार है। उम्मीद है कि उसमें भी बहुत अच्छा करेगा।
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1.75 लाख बच्चों ने प्रतियोगिता में लिया था हिस्सा
भारत सरकार की ओर से आयोजित किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना परीक्षा में देश के पौने दो लाख बच्चों ने हिस्सा लिया था। यह परीक्षा 218-19 सत्र के लिए बैंग्लौर में आयोजित हुई थी। इसमें देशभर के कुल 1500 बच्चों ने सफलता हासिल की है। पतियोगिता परीक्षा में अर्चित बूबना को देश स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया है। किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना के तहत चयनित सभी छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए सरकार की ओर से स्कॉलरशिप की राशि दी जाएगी। ताकि किशोर वैज्ञानिक आगे की पढ़ाई अच्छे से कर सके। स्नातक तक की पढा़ई के हर महीने प्रत्येक छात्र को पांच हजार रुपए और आगे की पढा़ई के लिए 7 हजार रुपए देने का प्रावधान है।
अर्चित का है आईआईटियन बनने का लक्ष्य
किशोर प्रोत्साहन योजना के तहत देश स्तर पर दूसरा रैंक हासिल करने वाले हाजीपुर के अर्चित बूबना का आईआईटियन बनने का लक्ष्य है। वह इस दिशा में बचपस से ही प्रयासरत हैं। उसका मानना है कि आईआईटियन के क्षेत्र में बेहतर रिजल्ट लाकर अपना एक अलग मुकाम बनाऊंगा। उसने बताया कि मैं नियमित रूप से अध्ययन करता हूं। माता-पिता, चाचा-चाची और दादा का पढ़ाई में काफी प्यार और आर्शीवाद मिलता है। स्व. दादी का हमेशा आर्शीवाद बना रहता है।