ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News करियरएपीएस भर्ती: आयोग की चयन प्रक्रिया पर उठे गंभीर सवाल

एपीएस भर्ती: आयोग की चयन प्रक्रिया पर उठे गंभीर सवाल

एपीएस भर्ती में चयनित छह अभ्यर्थियों का अर्भ्यथन निरस्त होने के बाद आयोग की चयन प्रक्रिया पर कई गंभीर सवाल उठे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि परिणाम जारी करने से पूर्व आयोग सभी अभ्यर्थियों के अभिलेखों...

एपीएस भर्ती: आयोग की चयन प्रक्रिया पर उठे गंभीर सवाल
प्रमुख संवाददाता,प्रयागराजTue, 25 Dec 2018 01:39 PM
ऐप पर पढ़ें

एपीएस भर्ती में चयनित छह अभ्यर्थियों का अर्भ्यथन निरस्त होने के बाद आयोग की चयन प्रक्रिया पर कई गंभीर सवाल उठे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि परिणाम जारी करने से पूर्व आयोग सभी अभ्यर्थियों के अभिलेखों की गहनता से जांच करता है तो इन छह अभ्यर्थियों के अभिलेखों की जांच में चूक आखिर कैसे और क्यों हो गई?

कम्प्यूटर इस भर्ती की प्रमुख अर्हता थी, ऐसे में बिना इस अर्हता के चार और अभिलेखों का सत्यापन न कराने वाले दो अभ्यर्थियों का चयन आखिर कैसे कर लिया गया? आयोग ने चयन निरस्त होने के बाद वरिष्ठता सूची से चयनित छह अभ्यर्थियों की सूची तो सार्वजनिक की लेकिन उन छह अभ्यर्थियों की सूची जारी नहीं की गई, जिनका चयन निरस्त किया गया है। जबकि ऐसी स्थिति में आयोग नाम सार्वजनिक करता है। आयोग के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने इन छह अभ्यर्थियों का नाम सार्वजनिक करने की मांग की है। अवनीश का कहना है कि इनके नाम सार्वजनिक होने के बाद इस भर्ती में भ्रष्टाचार की एक नई कहानी सामने आ सकती है क्योंकि चयन से असंतुष्ट अभ्यर्थी परिणाम घोषित होने के बाद से ही इस भर्ती में भाई-भतीजावाद होने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। 

इन अभ्यर्थियों ने सीबीआई को चयन में गड़बड़ी के शिकायती पत्र के साथ उन चयनितों की सूची भी दी थी, जो शासन और आयोग के आला अफसरों के रिश्तेदार या करीबी हैं। कहा जा रहा है यह छह नाम ऐसे ही लोगों के हो सकते हैं। शिकायती पत्र मिलने के बाद सीबीआई ने इस भर्ती की जांच शुरू करने का प्रयास किया लेकिन आयोग ने यह कहते हुए अभिलेख नहीं दिया कि इस भर्ती का परिणाम उस अवधि (अप्रैल 2017) के बाद घोषित किया गया, जिस अवधि की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई द्वारा जांच के लिए शासन को पत्र लिखे जाने के बाद भी इस मामले में शामिल ‘बड़े लोग' इसी कोशिश में लगे रहे कि यह भर्ती सीबीआई जांच के दायरे में न आ सके। भाजपा के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि शासन में बैठे लोग नहीं चाहते हैं कि इस भर्ती की सीबीआई जांच हो।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें