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हिंदी न्यूज़ करियरAmbedkar Jayanti 2022: संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस आज पढ़ें उनके अनमोल विचार

Ambedkar Jayanti 2022: संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस आज पढ़ें उनके अनमोल विचार

यह 14 अप्रैल 1891 का दिन था जब, दलितों के अधिकारों के चैंपियन, भारतीय संविधान के निर्माता भीमराव रामजी अंबेडकर पैदा हुए थे। उनका जन्म मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। हर साल उनके जन्मदिवस पर उनके भारतीय

Ambedkar Jayanti 2022: संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस आज पढ़ें उनके अनमोल विचार
Anuradha Pandeyलाइव हिंदुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 14 Apr 2022 08:36 AM

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यह 14 अप्रैल 1891 का दिन था जब, दलितों के अधिकारों के चैंपियन, भारतीय संविधान के निर्माता भीमराव रामजी अंबेडकर पैदा हुए थे। उनका जन्म मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। हर साल उनके जन्मदिवस पर उनके भारतीय स्वतंत्रता में उनके अग्रिम योगदान के कारण उन्हें याद किया जाता है। 2015 से इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया था। अंबेडकर ने देश के दलितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया था।  उन्हें 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इक्नोमिक्स और कोलंबिया यूनिवर्सिटीज से इंक्नोमिक्स में डॉक्टरेट किया था। ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई में बाबा साहेब अंबेडकर एक महत्वपूर्ण वकील और आंदोलन का सदस्य थे। उनके बिना आजादी सपना अधूरा ही रह जाता। इसके अलावा उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, संविधान की ड्राफ्टिंग और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना के लिए आइडियाज दिए। 

बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। 
 समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।


 जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते,कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है।
. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।

मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है।

वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं।

शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो।

धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।