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आईएएस, पीसीएस के बाद नीट, जेईई की तैयारी कराएगी मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना- असीम अरुण

उत्तर प्रदेश में प्रतिभाशाली युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा में तैयारी में मदद के लिए चल रही अभ्युदय कोचिंग योजना में नीट और जेईई के छात्रों की भी तैयारी कराने की योजना बनाई जा रही है। अभ्युदय कोचिंग

आईएएस, पीसीएस के बाद नीट, जेईई की तैयारी कराएगी मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना- असीम अरुण
Alakha Singhविशेष संवाददाता,लखनऊMon, 04 Jul 2022 11:19 PM

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UP Free Coaching Scheme: मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना को अब और सुधारा व संवारा जाएगा। योजना के तहत आईएएस व पीसीएस की प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा 'नीट' और 'जेई' की प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी करवाई जाएगी। योजना के तहत आनलाईन पढ़ाई और मार्गदर्शन के लिए हर जिले में सम्पर्क केन्द्र बनाए जा रहे हैं। ऐसे हर सम्पर्क केन्द्र में तीन क्लास रूम होंगे। एक हफ्ते आनलाइन पढ़ाई करने के बाद प्रशिक्षु एक दिन सम्पर्क केन्द्र जाकर शिक्षक से मार्गदर्शन लेगा। इसके लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए तीस करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।

यह जानकारी समाज कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति व सामान्य वर्ग के गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के प्रशिक्षुओं को इण्टरनेट चार्ज सहित टैबलेट भी दिये जाएंगे।

अपने बीते सौ दिनों के कार्यकाल में विभाग के कामकाज में सुधार के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन योजना सवा दो लाख ऐसे लाभार्थी चिन्हित कर हटाये गये जिनका देहांत हो चुका था और उनके नाम से पेंशन की राशि भेजी जा रही थी। उन्होंने बताया कि इस योजना के लाभार्थियों को आधार से लिंक किया जा रहा है, अब तक 55 प्रतिशत लाभार्थीयों को आधार से जोड़ा जा चुका है। अगले छह महीने में यह काम पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पिछले सौ दिनों में उनका प्रयास रहा है कि समाज कल्याण विभाग के कामकाज को टेक्नालाजी के जरिये और सुगम तथा पारदर्शी बनाया जाए। इसके लिए छात्रवृत्ति योजना में बायोमीट्रिक उपस्थिति, आश्रम पद्धति विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगवाना ताकि पता चल सके कि वहां कितने बच्चे पढ़ रहे हैं, कितना स्टाफ है और कितने टीचर हैं। इसके अलावा छात्रवृत्ति योजना में अनुदानित विद्यालयों की भी निगरानी करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि निगरानी के लिए उन्होंने पांच विशेष सेल बनाने की शुरूआत की है।

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