कर्नाटक में 30 फीसदी ट्यूशन फीस घटाने खिलाफ 25000 शिक्षक करेंगे प्रदर्शन
कर्नाटक सरकार की ओर से ट्यूशन फीस में 30 फीस कटौती का फैसला वापस न लेने पर राज्य के 25000 स्कूल शिक्षकों और अन्य नॉन टीचिंग स्टाफ व स्कूल प्रबंधन के लोग सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करने का...
कर्नाटक सरकार की ओर से ट्यूशन फीस में 30 फीस कटौती का फैसला वापस न लेने पर राज्य के 25000 स्कूल शिक्षकों और अन्य नॉन टीचिंग स्टाफ व स्कूल प्रबंधन के लोग सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। सभी प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक मंगलवार को बेंगलुरु में एक बड़ी रैली करेंगे। इस रैली को कर्नाटक प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट, टीचिंग एंड नॉन टीचिंग स्टाफ कोऑर्डिनेशन कमिटी (KPMTCC) बेंगलुरु सेंट्रल रेलवे स्टेशन से फ्रीडम पार्क तक ले जाने की योजना बनाई है।
शिक्षकों और प्राइवेट स्कूल प्रबंधन का यह बड़ा प्रदर्शन तब ऐलान किया गया जब राज्य सरकार ने आदेश दिया कि प्राइवेट स्कूल आने वाले सत्र के लिए अपनी स्कूल फीस में कमी करें। इस पर प्राइवेट स्कूलों का तर्क था कि उन्हें स्टाफ की सैलरी देने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। लेकिन स्कूलों की अधिक फीस के चलते बहुत से शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया तो कइयों के वेतन में कटौती कर दी गई।
केपीएमटीसीसी ने अपने बयान में कहा, 'सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का उनका मकसद यही है कि प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की आर्थिक चुनौती और गैरवैज्ञानिक फीस कटौती को सामने लाया जा सके। इसके साथ ही स्कूलों की मान्यता रिन्यू करने के बहाने पुराने स्कूलों के लिए कोविड-19 के दौरान नया क्लाज जोड़ दिया गया है।'
प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट की ओर से आरोप लगाए गए हैं कि फीस कटौती से उनकी आर्थिक मुश्किलें बढ़ जाएंगी। केएएमएस (Associated Managements of Primary and Secondary Schools in Karnataka) के महासचिव शशि कुमार ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि सरकार के कई संदेश पहुंचाने के बाद भी फीस कटौती के फैसले को वापस लेने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
वहीं प्राइवेट स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशनों ने ऐलान किया है कि यदि सरकार 1% भी फीस घटाने का फैसला वापस लेती है तो सभी पैरेंट्स सड़कों पर उतर जाएंगे।