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कोडेथॉन से जुड़ेंगे 12 हजार छात्र: मनीष सिसोदिया

दिल्ली सरकार के स्कूलों के 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को कोडिंग सिखाने के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही एक योजना पर काम शुरु करेगी। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हिंदुस्तान के कार्यक्रम...

कोडेथॉन से जुड़ेंगे 12 हजार छात्र: मनीष सिसोदिया
वरिष्ठ संवाददाता,नई दिल्लीFri, 09 Oct 2020 08:35 AM
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दिल्ली सरकार के स्कूलों के 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को कोडिंग सिखाने के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही एक योजना पर काम शुरु करेगी। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हिंदुस्तान के कार्यक्रम में यह बात कही। वीरवार को मनीष सिसोदिया ने कालकाजी स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में हिंदुस्तान टाइम्स कोडेथॉन कार्यक्रम को लांच किया। सिसोदिया ने कहा है कि अच्छी नीयत से काम करने पर सारी कायनात हमारा साथ देती है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष शी कोडस और ईएनवाई द्वारा संचालित स्टेम एजुकेशन के द्वारा छात्राओं में कोडिंग और तकनीकी शिक्षा के लिए प्रेरित करने के बाद आज बड़े पैमाने पर दिल्ली सरकार के 12000 छात्र और छात्राएं के लिए हिंदुस्तान के साथ मिलकर कोडेथान कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला किया है। इस कार्यक्रम में सातवीं कक्षा की 870 छात्राओं को कोडिंग और प्रोग्रामिंग का प्रशिक्षण दिया गया था। 

सिसोदिया ने किया छात्राओं संग संवाद
कार्यक्रम में मनीष सिसोदिया ने कोडिंग सीख कर अलग-अलग वीडियो तैयार करने वाली 6 छात्राओं संग संवाद किया। संवाद के सभी छात्राओं ने बताया कि उनके घर-परिवार में किसी को कोडिंग का मतलब भी नहीं पता। सभी छात्राओं ने पहली बार कोडिंग का मतलब इस कार्यक्रम से जुड़कर ही सीखा है। सिसोदिया ने बच्चों को कोडिंग और प्रोग्रामिंग जैसी अत्याधुनिक चीजें सिखाने को भविष्य से जुड़ी चुनौतियों का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा-प्रणाली में अब तक आधुनिक तकनीक और भविष्य से जुड़ी चीजों की कमी रहती थी। लेकिन कोडिंग के जरिए हम दिल्ली के बच्चों को भविष्य की हाई-टेक दुनिया के लिए तैयार कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि स्टीव जाब्स के अनुसार दुनिया में हर व्यक्ति को कोडिंग सीखना चाहिए। दिल्ली सरकार ने भविष्य की इसी जरूरत को पूरा करने के लिए ऐसे प्रोग्राम शुरू किए हैं। 

कोडिंग है भविष्य की भाषा
सिसोदिया ने कहा कि भविष्य में कोडिंग ही हमारी सामान्य भाषा होगी। आज जिस तरह हम हिंदी, अंग्रेजी या अन्य भाषाओं का उपयोग करते हैं, उसी तरह भविष्य में जावा, पायथान वगैरह को सामान्य भाषा समझा जाएगा। इसलिए भविष्य में हमारा देश कहां होगा, इसे हमारी आज की शिक्षा ही तय करेगी। सिसोदिया ने कोडिंग को न्यू जेनरेशन आर्ट बताते हुए कहा कि यह बच्चों को अपनी बातें कलात्मक तरीके से कहने का अंदाज सिखाना है। कोडिंग के जरिए हम सोचना भी सीखते हैं। बच्चों ने एनीमेशन वीडियो में तकनीकी भाषा की प्रोग्रामिंग के साथ ही कला और मौलिकता का भी प्रदर्शन किया है। इस तरह हम बच्चों को भविष्य के अनुकूल तैयार कर रहे हैं।

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