
स्कॉलरशिप और फैलोशिप में असली फर्क क्या? जानें कौन किसके लिए बेहतर
संक्षेप: स्कॉलरशिप और फैलोशिप एक जैसे नहीं हैं। स्कॉलरशिप पढ़ाई में मदद करती है जबकि फैलोशिप रिसर्च और पीएचडी के लिए सपोर्ट देती है। आइए जानते हैं दोनों में क्या फर्क है और किसे मिलेगा फायदा।
अक्सर पढ़ाई करने वाले लड़के-लड़कियों ने स्कॉलरशिप और फैलोशिप दोनों नाम सुने हैं। लेकिन बहुत बार लोग इनको एक ही चीज समझ लेते हैं। असल में दोनों का मकसद अलग है। एक स्कॉलरशिप पढ़ाई में मदद करती है, तो दूसरी फैलोशिप रिसर्च और ऊँची पढ़ाई का रास्ता खोलती है।

स्कॉलरशिप किसके लिए होती है?
स्कॉलरशिप यानी छात्रवृत्ति, उन बच्चों को दी जाती है जो स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी लेवल पर पढ़ाई कर रहे हों। यह या तो अच्छे अंकों (मेरिट) पर मिलती है, या फिर कमजोर आर्थिक हालात वाले स्टूडेंट्स को। कुछ स्कॉलरशिप खास कैटेगरी (जैसे SC, ST, OBC या अल्पसंख्यक वर्ग) के बच्चों के लिए भी होती है।
इसमें आमतौर पर तय रकम दी जाती है, जिससे फीस, किताबें और हॉस्टल जैसी ज़रूरतें पूरी हो सकें। उदाहरण के तौर पर, प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप या नेशनल मेरिट स्कॉलरशिप।
फैलोशिप किसे और क्यों मिलती है?
फैलोशिप उन स्टूडेंट्स के लिए होती है, जो रिसर्च, पीएचडी या एडवांस स्टडी करना चाहते हैं। इसमें सिर्फ पढ़ाई का खर्च नहीं, बल्कि स्टाइपेंड यानी मासिक भत्ता भी दिया जाता है ताकि रिसर्च आराम से हो सके। फैलोशिप पाने वाले को अक्सर रिसर्च प्रोजेक्ट, लैब वर्क और गाइडलाइन फॉलो करनी पड़ती है।
इसका मकसद रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देना है, ताकि नए आइडिया और खोज निकल सकें। मिसाल के तौर पर UGC-NET JRF, CSIR फैलोशिप और AICTE इंडस्ट्री फैलोशिप।
दोनों के बीच सबसे बड़ा फर्क
- स्कॉलरशिप : यह पढ़ाई के दौरान खर्च में मदद करती है, ज्यादातर बैचलर और मास्टर्स लेवल तक।
- फैलोशिप: यह पढ़ाई से आगे बढ़कर रिसर्च और पीएचडी लेवल पर सपोर्ट करती है।
यानी, स्कॉलरशिप से आप सीढ़ी चढ़ सकते हैं, और फैलोशिप से आप नई ऊँचाई पर पहुँच सकते हैं।
किसे क्या चुनना चाहिए?
अगर आप स्कूल या कॉलेज में हैं और फीस चुकाना मुश्किल है, तो स्कॉलरशिप आपके लिए बेहतर है। वहीं, अगर आप रिसर्च करना चाहते हैं और नए विषयों पर गहराई से काम करने का मन है, तो फैलोशिप आपके लिए सही रास्ता है।





