
12 की उम्र में किया कारनामा, बने सबसे युवा आईआईटियन; अब करते हैं ये काम
संक्षेप: बिहार के भोजपुर जिले के छोटे से गांव से निकलकर महज 12 साल की उम्र में IIT-JEE पास करने वाले सत्यम कुमार की कहानी अपनेआप में नायाब है, उन्होंने जुनून, मेहनत से कमार कर दिखाया।
IIT-JEE को दुनिया के सबसे मुश्किल इम्तिहानों में गिना जाता है। हजारों छात्र-छात्राएं 10वीं के बाद सालों तक तैयारी में जुटे रहते हैं, ताकि देश के प्रतिष्ठित IIT में दाखिला पा सकें और सुनहरे करियर की राह पकड़ सकें। लेकिन सोचिए, अगर कोई बच्चा 12 साल की उम्र में ही ये इम्तिहान पास कर ले तो? यही कमाल किया बिहार के भोजपुर जिले के बखोरापुर गांव के सत्यम कुमार ने, जो देश के सबसे कम उम्र के आईआईटीयन बने।

साल 2012 में, जब उनके हमउम्र बच्चे मिडिल स्कूल में बुनियादी गणित सीख रहे थे, सत्यम ने पहली बार IIT-JEE में ऑल इंडिया रैंक 8137 हासिल कर इतिहास रच दिया। लेकिन उनकी नजरें इससे कहीं आगे थीं। साल 2013 में दोबारा परीक्षा देकर उन्होंने 292/360 अंक हासिल किए और रैंक सुधाकर 670 पर पहुंच गए। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 13 साल थी। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने 14 साल के पिछले रिकॉर्ड होल्डर साहक कौशिक को पीछे छोड़ दिया।
कानपुर से किया बीटेक-एमटेक
किसानी करने वाले परिवार में जन्मे सत्यम की काबिलियत को देखकर एक पारिवारिक परिचित ने उनके पिता को उन्हें कोटा, राजस्थान में कोचिंग दिलाने के लिए मनाया। यहीं से उनकी सफलता की उड़ान शुरू हुई। IIT-JEE में टॉप रैंक लाने के बाद उन्हें IIT कानपुर में बीटेक-एमटेक डुअल डिग्री (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) में दाखिला मिला। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से पीएचडी की।
दिग्गज ऐप्पल कंपनी का किया रुख
सत्यम ने प्रोफेशनल करियर में भी अपनी मेधा साबित की। उन्होंने ऐप्पल में मशीन लर्निंग इंटर्न के तौर पर काम किया और फिलहाल टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स में मशीन लर्निंग सिस्टम्स रिसर्च इंजीनियर के पद पर हैं। उनकी यात्रा इस बात का सबूत है कि प्रतिभा, मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।





