PhD : रिसर्च UGC के पीयर जर्नल में छपी है या नहीं होगी जांच, थीसिस चेक करेगी पीएचडी सेल
- बीआरएबीयू में रिसर्च की क्वालिटी बनाये रखने के लिए पीएचडी सेल का गठन किया गया है। यह सेल पीएचडी करने वाले छात्रों की थीसिस देखेगी और जांचेगी कि उनका रिसर्च यूजीसी के पीयर जर्नल में छपा है या नहीं।

बीआरएबीयू में शोध की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने बुधवार को पीएचडी सेल का गठन किया। यह सेल पीएचडी करने वाले छात्रों की थीसिस देखेगी और जांचेगी कि उनका रिसर्च यूजीसी के पीयर जर्नल में छपा है या नहीं। विज्ञान के छात्रों की थीसिस इंपैक्ट के आधार पर परखी जायेगी। इससे पहले कुलपति ने सीनेट हॉल में विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों, संकायाध्यक्षों, अध्यक्षों एवं प्राध्यापकों की बैठक की। कुलपति प्रो. राय ने नैक-2024 मूल्यांकन की अबतक हुई तैयारियों पर संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने एलुमनी एसोसिएशन को आर्थिक रूप से मज़बूत करने के लिए ‘समर्पण निधि’ के रूप में सहयोग करने की अपील उपस्थित सदस्यों से की और कहा कि नैक मूल्यांकन की तैयारियों में निरंतर सहयोग करते रहें। विश्वविद्यालय का मान-सम्मान एवं ग्रेडिंग बढ़ाने के लिए जो भी आवश्यक होगा, विश्वविद्यालय वह सभी कार्य करेगा।
दो अक्टूबर से शुरू होगा विवि का बंद हेल्थ सेंटर कुलपति ने कहा कि दो अक्टूबर को विश्वविद्यालय हेल्थ सेंटर में ओपीडी शुरू हो जायेगी। शहर के किसी बड़े अस्पताल से एमओयू करने की कोशिश की जाएगी ताकि विश्वविद्यालय में कार्यरत सदस्यों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए नौ परामर्श केंद्र खोले जाएंगे।
विश्वविद्यालय ने शुभम संस्था से किया करार
बैठक के दौरान नेत्रहीन छात्र-छात्राओं के लिए कार्य करने वाली संस्था ‘शुभम’ के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। संस्था की अध्यक्ष संगीता अग्रवाल इस अवसर पर उपस्थित रहीं। विवि एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय सिन्हा ने कहा कि 15 सितंबर तक एसोसिएशन के खाते में एक करोड़ की राशि जमा करने का लक्ष्य है।
ताकि नैक में विश्वविद्यालय को सम्मानजनक ग्रेड प्राप्त हो। बुटा के अध्यक्ष प्रो. अनिल ओझा ने कहा कि शिक्षक संघ नैक मूल्यांकन की तैयारियों में विश्वविद्यालय के कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए कृत संकल्पित है।
बिहार विश्वविद्यालय में शुरू होगा विद्वान एप
बैठक में पुष्पम ने ‘विद्वान एप’ की जानकारी दी। इस एप के माध्यम से प्राध्यापक वैश्विक शिक्षण जगत से जुड़ सकते हैं तथा उनकी विद्वता से देश-दुनिया के अन्य विद्यार्थी भी लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए सभी प्राध्यापकों को एक विद्वान आईडी क्रिएट कर पंजीयन करना होगा। एप से संबंधित जानकारी के लिए विवि ने डॉ. सर्वेश दुबे को जिम्मेदारी दी है।
इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो. बी.एस. राय, कुलसचिव प्रो. अपराजिता कृष्णा सहित सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष व प्राध्याक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आईक्यूएससी के निदेशक प्रो. कल्याण कुमार झा ने किया।
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