
NEET PG 2025 रिजल्ट को लेकर क्यों गरमाया विवाद, सुप्रीम कोर्ट 23 सितम्बर को करेगा सुनवाई
संक्षेप: NEET PG 2025 में पारदर्शिता और स्कोर गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट 23 सितम्बर को अहम सुनवाई करेगा। साथ ही ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के लिए आरक्षण पर भी सुनवाई होगी।
देशभर के हजारों मेडिकल स्टूडेंट्स की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। वजह है नीटी पीजी 2025 (NEET PG 2025) परीक्षा की पारदर्शिता। कोर्ट ने 23 सितम्बर को इस मामले को बोर्ड के पहले नंबर पर लिस्ट किया है। यानी, कार्यवाही की शुरुआत ही इसी केस से होगी। यह सुनवाई न सिर्फ छात्रों के भविष्य बल्कि पूरे मेडिकल एडमिशन प्रोसेस की विश्वसनीयता तय कर सकती है।
पारदर्शिता पर क्यों उठे सवाल
दरअसल, मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी (MCC) जल्द ही NEET PG 2025 काउंसलिंग शेड्यूल जारी करने वाली है। आधिकारिक जानकारी mcc.nic.in पर मिलेगी। लेकिन उससे पहले ही परीक्षा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कई स्टूडेंट्स का आरोप है कि घोषित नतीजों में 50 से 150 अंकों तक की गड़बड़ी है। नॉर्मलाइजेशन का तरीका साफ नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) को आदेश दिया था कि वे रॉ स्कोर, आंसर-की और नॉर्मलाइजेशन की डिटेल पब्लिक करें। मगर अब तक बोर्ड ने सिर्फ प्रश्न आईडी और उनके उत्तर जारी किए हैं। इससे छात्रों की नाराजगी और भी बढ़ गई है।
राज्य स्तरीय काउंसलिंग शुरू
इस बीच, गुजरात, तमिलनाडु और केरल जैसे कई राज्यों ने अपनी-अपनी स्टेट लेवल काउंसलिंग प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। अब सबकी नजर MCC की ऑल इंडिया काउंसलिंग पर है, जिसकी टाइमलाइन सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से भी प्रभावित हो सकती है।
ट्रांसजेंडर आरक्षण पर अलग याचिका
यही नहीं, कोर्ट इसी दिन NEET PG 2025 में ट्रांसजेंडर कैंडिडेट्स को आरक्षण देने संबंधी याचिका भी सुनेगा। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि उन्हें सभी श्रेणियों में 1% हॉरिजॉन्टल आरक्षण दिया जाए। यह मांग मेडिकल एडमिशन सिस्टम को और ज्यादा समावेशी और समानता आधारित बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही है।





