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Indian Air Force Day 2025: क्यों मनाया जाता है भारतीय वायुसेना दिवस, क्या है इतिहास और महत्व

संक्षेप: Indian Air Force Day : भारतीय वायुसेना आज 8 अक्टूबर को अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। दरअसल 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी।

Wed, 8 Oct 2025 06:57 AMPankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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Indian Air Force Day 2025: क्यों मनाया जाता है भारतीय वायुसेना दिवस, क्या है इतिहास और महत्व

Indian Air Force Day : भारतीय वायुसेना आज 8 अक्टूबर को अपना 93वां स्थापना दिवस ( IAF Day 2024 ) मना रही है। दरअसल 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी। इस यादगार और ऐतिहासिक दिन की याद में हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारतीय वायुसेना भव्य परेड और एयर शो के जरिए अपनी ताकत और शौर्य का प्रदर्शन करती है। इस बार वायु सेना (आईएएफ) अपनी 93वीं वर्षगांठ का समारोह गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर आयोजित करेगी। शानदार परेड और भव्य एयर शो लोगों के लिए कभी न भुला पाने वाला अनुभव होगा। एयर शो के दौरान वायुसेना के ताकतवर लड़ाकू विमान और लड़ाकू हेलीकॉप्टर हवाई करतब दिखाएंगे।

भारतीय वायु सेना अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। यह न सिर्फ युद्ध के दौरान भारत की रक्षा करती है बल्कि विभिन्न आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों में मदद भी करती है। इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में शांति प्रयासों में भी इसकी भूमिका रही है। अस्थिरता या अन्य समस्याओं की स्थिति में अन्य देशों से भारतीय नागरिकों को निकालने का काम भी करती है।

एयरफोर्स डे पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने दिया मैसेज - 'ऑपरेशन सिंदूर स्पष्ट दिशा-निर्देशों, भारत की स्वदेशी क्षमताओं और सशस्त्र बलों के बीच प्रभावी सामंजस्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण था। ऑपरेशन सिंदूर स्पष्ट उच्चतर दिशा-निर्देशों, हमारी स्वदेशी क्षमता और सभी रक्षा बलों के बीच प्रभावी सामंजस्य और संयुक्त कौशल का एक शानदार उदाहरण है। भारतीय वायु सेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाकर, नवाचार को अपनाकर और व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को कायम रखते हुए हमारे देश के आसमान की रक्षा करना जारी रखेगी''

भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य

भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- 'नभ: स्पृशं दीप्तम'। यह गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।

क्या है इतिहास ( IAF DAY history )

देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था। 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से "रॉयल" शब्द को हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया था। भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी।

आजादी से पहले वायु सेना आर्मी के तहत ही काम करती थी। एयर फोर्स को आर्मी से 'आजाद' करने का श्रेय भारतीय वायु सेना के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था। वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर बने रहे थे।

वायुसेना ध्वज

वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से अलग, नीले रंग का है जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात्‌ केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।

Pankaj Vijay

लेखक के बारे में

Pankaj Vijay
पंकज विजय लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। यहां वह करियर, एजुकेशन, जॉब्स से जुड़ी खबरें देखते हैं। पंकज को पत्रकारिता में डेढ़ दशक से ज्यादा का अनुभव है। लाइव हिन्दुस्तान के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने एनडीटीवी डिजिटल, आजतक डिजिटल, अमर उजाला समाचार पत्र में काम किया। करियर-एजुकेशन-जॉब्स के अलावा वह विभिन्न संस्थानों में देश-विदेश, राजनीति, रिसर्च व धर्म से जुड़ी बीट पर भी काम कर चुके हैं। भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी), दिल्ली से हिन्दी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा व डीयू से इतिहास में बीए ऑनर्स किया है। और पढ़ें
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