UPSC Success Story: किसान के बेटे ने हिंदी मीडियम से पास किया UPSC, 18वीं रैंक हासिल कर बना IAS
- IAS Success Story: यूपीएससी के चौथे प्रयास में रैंक 18 हासिल कर IAS ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया है। आईएएस रवि सिहाग ने हिंदी मीडियम से यूपीएससी परीक्षा पास की है।

UPSC Success Story: जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।
संत कबीर के इस दोहे का अर्थ है कि जो व्यक्ति मेहनत करता है उसे सफलता मिल ही जाती है लेकिन जो व्यक्ति पानी में डूबने के डर से पानी में डुबकी न लगाकर किनारे पर ही बैठा रहता है, उसे कुछ प्राप्त नहीं होता है।
यूपीएससी परीक्षा हमारे की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा में से एक है। इस परीक्षा को पास करना बहुत ही मुश्किल है। बहुत सारे लोग अगर एक बार प्रयास कर असफल हो जाते हैं तो वे हिम्मत हारकर दूसरा प्रयास ही नहीं करते हैं और अपना सपना बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं। लेकिन विजेता वो ही बनता है जो अंत तक मैदान में डटकर खड़ा रहता है। आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी के चौथे प्रयास में रैंक 18 हासिल कर IAS ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया है। आईएएस रवि सिहाग ने हिंदी मीडियम से यूपीएससी परीक्षा पास की है।
रवि कुमार सिहाग एक किसान के बेटे हैं और राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के मूल निवासी हैं। 2 नवंबर, 1995 को किसान रामकुमार सिहाग और हाउसवाइफ मां विमला देवी के घर जन्मे रवि कुमार सिहाग अब एक आईएएस अधिकारी हैं और तीन बहनों के बीच इकलौते भाई हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा हिंदी माध्यम से पूरी की है। कक्षा 7 वीं तक की पढ़ाई अपने पैतृक गांव 3 बीएएम विजयनगर, श्री गंगानगर में मनमोहन सर के स्कूल सरस्वती विद्या मंदिर से की, जिसके बाद उन्होंने कक्षा 11वीं की पढ़ाई अनूपगढ़ के शारदा स्कूल से और 12वीं की पढ़ाई विजयनगर के एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की। स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद अनूपगढ़ के शारदा कॉलेज से BA की डिग्री ली थी। ग्रेजुएशन होने तक खेतों में अपने पिता की मदद किया करते थे। रवि शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे और हमेशा करियर में आगे बढ़ने के बारे में सोचा करते थे।
रवि ने यूपीएससी परीक्षा के लिए चार प्रयास दिए था। साल 2018 में उन्हें पहले प्रयास में 337वीं रैंक थी। जिसमें उन्हें डिफेंस अकाउंट सर्विस (IDAS) कैडर मिला था। उनका सपना IAS अधिकारी बनने का था। जिसके बाद अपने रैंक को सुधारने के लिए उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और साल 2019 में उन्हें 317वीं रैंक मिली। और दूसरे प्रयास में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) कैडर मिला। फिर साल 2020 में तीसरे प्रयास में वह मुख्य परीक्षा भी पास नहीं कर सके। हालांकि दो प्रयासों के बाद तीसरा प्रयास ऐसा था, जिसमें वह इंटरव्यू तक नहीं पहुंचे थे। उन्होंने अपनी असफलता को दिल से नहीं लगाया और चौथी बार UPSC परीक्षा देने का फैसला किया। साल 2021 में चौथे प्रयास में उन्होंने 18वीं रैंक हासिल की और IAS का पद हासिल कर लिया था।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों के लिए अंग्रेजी सीखना अनिवार्य है। भले ही उम्मीदवार हिंदी माध्यम से हों, परीक्षा पास करने के लिए अंग्रेजी लैंग्वेज आना जरूरी है। अंग्रेजी आने का मतलब ये नहीं है कि आप फरटिदार अंग्रेजी बोलो, लेकिन एक उम्मीदवार को इतनी अंग्रेजी आनी चाहिए तो इस भाषा में लिखा हुआ समझ सके और इस भाषा में लिख सके। वहीं रवि ने कहा, अगर आप पूरी मेहनत से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो कोई भी आपको इसमें सफल होने से नहीं रोक सकता है