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Hindi Diwas Essay : हिंदी दिवस पर सरल और छोटा निबंध, आसानी से होगा याद

Hindi Diwas Essay : हिंदी दिवस पर सरल और छोटा निबंध, आसानी से होगा याद

संक्षेप:
  • Hindi Diwas Essay : हिंदी दिवस पर देश भर के स्कूलों में हिंदी कविता प्रतियोगिता, वाद-विवाद व भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, पोस्टर व कला प्रतियोगिता, क्विज, कविता गोष्ठी आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहां हम स्कूली छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध का उदाहरण दे रहे हैं।

Fri, 13 Sep 2024 07:22 AMPankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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Hindi Diwas Essay : भारत में हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हिंदी दिवस का दिन हमें गर्व का अहसास कराता है। ये दिन हमें उस दिन की याद दिलाता है जब हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने का फैसला किया गया था। हिंदी दिवस पर देश भर के स्कूल, कॉलेजों और कार्यालयों में हिंदी कविता प्रतियोगिता, वाद-विवाद व भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, पोस्टर व कला प्रतियोगिता, क्विज, कविता गोष्ठी आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहां हम स्कूली छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध का उदाहरण दे रहे हैं। इस निबंध से स्टूडेंट्स काफी आइडिया ले सकते हैं।

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Hindi Diwas Essay : हिंदी दिवस पर निबंध

हिंदी दिवस हर साल भारत में 14 सितंबर को मनाया जाता है। आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया। तब से हर साल पूरे देश में हिंदी दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। हमारे संविधान में भाग 17 के अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा को लेकर विशेष प्रावधान हैं। अनुच्छेद 343 (1)अनुच्छेद में कहा गया है कि भारत संघ की भाषा देवनागरी लिपी में हिन्दी होगी।

हिंदी दिवस का मकसद हिंदी भाषा को बढ़ावा देना है। इस भाषा की अहमियत के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व, इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य में इसके समक्ष चुनौतियों पर मंथन करने का मौका देता है।

हिंदी का महत्व

भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां अलग अलग धर्म व जाति के लोग रहते हैं। अलग अलग भाषाएं, बोलियां बोलने वाले, अलग अलग वेश-भूषा, खानपान व संस्कृति के लोग रहते हैं। ये हिंदी भाषा ही है जो देश के सभी लोगों एकता के सूत्र में पिरोती है। देश को एक रखने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। हिंदी भावों की अभिव्यक्ति का सबसे सरल जरिया भी है। हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता व अस्मिता का प्रतीक है। हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाती है और हमें विश्व में एक अलग पहचान दिलाती है।

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दुनिया भर में हिंदी की स्वीकार्यता

हिंदी की अहमियत का अंदाजा इससे पता चलता है कि आज हिंदी दुनिया में तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों में हिंदी बोली जाती है। इंग्लिश और मंदारिन के बाद हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है। विदेशों में बसे भारतीय प्रवासी तथा अमेरिका, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, यमन, न्यूजीलैंड और नेपाल आदि देशों में रहने वाले अन्य लोग भी हिन्दी बोलते हैं, जिससे हिन्दी को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलती है। हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 10 जनवरीको हर साल विश्व हिंदी दिवस भी आयोजित किया जाता है।भारत में डॉक्टरी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में होने लगी है। एमबीबीएस और बीटेक की किताबें हिंदी में आने लगी हैं। सोशल मीडिया पर हिंदी पढ़ने व लिखने का उपयोग बढ़ता जा रहा है। डिजिटल युग में भी हिंदी का दायरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।

समस्या और हमारा संकल्प

हिंदी को रोजगार की भाषा बनाना होगा। आज रोजगार की दुनिया में अंग्रेजी का वर्चस्व है। आज हमें सबसे हिंदी में बोलने, पढ़ने और लिखने का संकल्प लेना चाहिए। बच्चों पर अंग्रेजी लादने की बजाय उन्हें हिंदी भी सिखानी चाहिए। कोई भी भाषा तभी बचती है जब शब्द बचते हैं, गढ़े जाते हैं, साहित्य रचा जाता है और ज्ञान का निर्माण होता है। देश को एकता के सूत्र में बांधने वाली हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि भावों की अभिव्यक्ति है। आइये हम सब मिलकर इसको अधिक से अधिक उपयोग में लाएं।

Pankaj Vijay

लेखक के बारे में

Pankaj Vijay
पंकज विजय लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। यहां वह करियर, एजुकेशन, जॉब्स से जुड़ी खबरें देखते हैं। पंकज को पत्रकारिता में डेढ़ दशक से ज्यादा का अनुभव है। लाइव हिन्दुस्तान के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने एनडीटीवी डिजिटल, आजतक डिजिटल, अमर उजाला समाचार पत्र में काम किया। करियर-एजुकेशन-जॉब्स के अलावा वह विभिन्न संस्थानों में देश-विदेश, राजनीति, रिसर्च व धर्म से जुड़ी बीट पर भी काम कर चुके हैं। भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी), दिल्ली से हिन्दी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा व डीयू से इतिहास में बीए ऑनर्स किया है। और पढ़ें

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