BHU PhD Admission 2025: बीएचयू पीएचडी एडमिशन में अब नहीं होगा सीटों का वर्गीकरण
संक्षेप: BHU PhD Admission 2025-26: बीएचयू के पीएचडी प्रवेश में इस सत्र से सीटें खाली रहने से योग्य अभ्यर्थियों के पीछे रह जाने की समस्या नहीं होगी। अपनी पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में बीएचयू ने इस वर्ष कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। स

BHU PhD Admission 2025-26: बीएचयू के पीएचडी प्रवेश में इस सत्र से सीटें खाली रहने से योग्य अभ्यर्थियों के पीछे रह जाने की समस्या नहीं होगी। अपनी पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में बीएचयू ने इस वर्ष कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सबसे बड़ा बदलाव सीटों को लेकर है। सत्र 2025-26 के पीएचडी प्रवेश में सीटों का वर्गीकरण नहीं किया जाएगा बल्कि पूरी सीटों पर एक ही आरक्षण व्यवस्था लागू होगी।
बीएचयू में पहले किसी भी विभाग में उपलब्ध पीएचडी सीटों का वर्गीकरण रेट (रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट), रेट एग्जम्प्टेड (नेट-जेआरएफ) और एलाइड (बहुविषयी) श्रेणी में किया जाता था। सभी सीटों पर अलग-अलग आरक्षण व्यवस्था होती थी। आमतौर पर इसमें सबसे बड़ी दिक्कत सीटों के खाली रह जाने की आती थी। पिछले सत्र की प्रवेश प्रक्रिया में इसी व्यवस्था की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा था। कुलपति आवास के सामने एक छात्र ने सीट कन्वर्ट करने के लिए एक महीने तक धरना दिया था। अंतत: यूजीसी के हस्तक्षेप के बाद प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लग गई। इस वजह से बीएचयू इस साल फूंक-फूंककर कदम रख रहा है।
सीटों का वर्गीकरण न किए जाने की स्थिति में विभिन्न आरक्षणों में कोई बदलाव नहीं आएगा और सीटों का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो सकेगा। पीएचडी प्रवेश बुलेटिन को नए सिरे से बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसके अलावा विभागों से पीएचडी सीटों के आंकड़े भी जुटाए जा चुके हैं। परीक्षा विभाग दीवाली और छठ के बाद पीएचडी प्रवेश की अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रहा है।
बीएचयू में सभी विभागों और केंद्रों को मिलाकर हर वर्ष पीएचडी प्रवेश लिए जाते हैं। हालांकि पिछले दो वर्ष से प्रक्रिया की गति कुछ धीमी हुई है। आचार्यों की उपलब्धता के आधार पर सीटों की संख्या तय की जाती है जो 1400 से 1600 के बीच होती है। इस वर्ष भी इतनी ही सीटों पर प्रवेश लिए जाने की उम्मीद है।





