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सीवीएस में चार वोकेशनल कोर्स की सीटें बढ़ीं  

डीयू के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज (सीवीएस) ने चार पाठ्यक्रमों की सीटों में इजाफा कर दिया है। कॉलेज के ये वे चार पाठ्यक्रम हैं, जिनमें सबसे अधिक छात्र आवेदन करते हैं।  सीवीएस के प्राचार्य...

सीवीएस में चार वोकेशनल कोर्स की सीटें बढ़ीं  
नई दिल्ली, हेमवती नंदन राजौराFri, 23 Jun 2017 10:07 PM
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डीयू के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज (सीवीएस) ने चार पाठ्यक्रमों की सीटों में इजाफा कर दिया है। कॉलेज के ये वे चार पाठ्यक्रम हैं, जिनमें सबसे अधिक छात्र आवेदन करते हैं। 

सीवीएस के प्राचार्य इंद्रजीत डागर ने बताया कि कॉलेज में सीटें बढ़ाई जा रही हैं। सीवीएस में कुल सात पाठ्यक्रम हैं। इन सभी में एक सत्र के दौरान कुल 539 छात्रों को दाखिला दिया जाता है। कॉलेज के प्राचार्य इंद्रजीत के मुताबिक, संस्थान ने इस वर्ष कुल सीटों में बढ़ोतरी नहीं की है। जहां 4 पाठ्यक्रमों की सीटें बढ़ाई गई हैं वहीं तीन पाठ्यक्रमों की सीटों में कटौती भी की गई है। 

इन कॉलेजों में भी वोकेशनल कोर्स: डीयू में पिछले वर्ष चार कॉलेजों में सात वोकेशनल पाठ्यक्रम शुरू हुए थे। इनमें से छह स्नातक पाठ्यक्रम हैं और एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम है। 

जीसस एंड मैरी कॉलेज : लड़कियों के इस कॉलेज में दो बीए वोकेशनल पाठ्यक्रम हेल्थ केयर मैनेजमेंट और रिटेल मैनेजमेंट एंड आईटी हैं। इन दोनों में क्रमश: 49 और 47 सीटें हैं।

कालिंदी कॉलेज : र्कांलदी कॉलेज में दो वोकेशनल पाठ्यक्रमों के लिए भी छात्राएं आवेदन कर सकती हैं। लड़कियों के इस कॉलेज में दोनों के लिए 50-50 सीटें हैं। ये पाठ्यक्रम बीए वोकेशनल प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी और बीए वोकेशनल वेब डिजाइनिंग हैं। 
रामानुजन कॉलेज: रामानुजन कॉलेज में भी पिछले वर्ष दो नए वोकेशनल कोर्स शुरू हुए थे। इसमें बैंकिंग एंड फाइनेंशल सर्विसेज एंड इश्योरेंस और बीए वोकेशनल आईटी (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट) हैं। दोनों में 50-50 सीटें हैं। 
महाराजा अग्रसेन कॉलेज: यहां एडवांस्ड डिप्लोमा कोर्स है। जिसका नाम टीवी प्रोग्राम्स एंड न्यूज प्रोडक्शन है। यह पाठ्यक्रम दो वर्ष का है। इसमें 50 सीटें हैं। 
सीवीएस में पिछले वर्ष 44 कंपनियां आई थीं : वोकेशनल कोर्स यानी ऐसे कोर्स, जो आपके खाते में डिग्री तो दर्ज करते ही हैं, साथ ही आपको ऐसी स्किल्स भी सिखाते हैं, जो आपको आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती हैं। कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्राचार्य इंद्रजीत डागर के मुताबिक, वोकेशनल कोर्स की अहमियत काफी बढ़ गई है। पिछले वर्ष उनके कॉलेज में 44 कंपनियां प्लेसमेंट के लिए आई थीं।

पत्रकारिता केंद्र में 120 सीटें होंगी
डीयू में इसी सत्र से शुरू होने जा रहे नए पत्रकारिता केंद्र में 120 सीटें होंगी। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी है। विश्वविद्यालय ने इस सत्र से पत्रकारिता का नया केंद्र खोलने का फैसला किया है। स्र्टैंंडग कमेटी की शुक्रवार को हुई बैठक में हालांकि सदस्यों प्रो. पंकज गर्ग और हंसराज सुमन के विरोध के बाद इस सत्र में सीटों की संख्या 60 के बजाय 120 करने पर विचार किया गया है। 
दाखिले मेरिट से होंगे: पत्रकारिता के इस नए केंद्र में दाखिले मेरिट के आधार पर होंगे। 12वीं में कोई भी विषय पढ़ने वाले छात्र इसके लिए आवेदन कर सकता है। बेस्ट फोर विषयों के अंकों की मेरिट बनेगी। बेस्ट फोर में अंग्रेजी लेना जरूरी होगा।

हिन्दी पत्रकारिता अगले वर्ष से शुरू होगी
डीयू के नए पत्रकारिता केंद्र ‘दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म’ में अगले वर्ष से हिन्दी पत्रकारिता का पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। विश्वविद्यालय में पत्रकारिता केंद्र का खाका तैयार करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्र्टैंंडग समिति के कुछ सदस्यों की मांग पर ध्यान दिया जा रहा है।

पत्रकारों के लिए शॉर्ट टर्म पाठ्यक्रम
डीयू के नए पत्रकारिता केंद्र में इस साल तो अंग्रेजी पत्रकारिता का पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके बाद इस केंद्र को विस्तार देने का प्रारूप भी अभी से तैयार हो रहा है। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक डीयू के इस केंद्र में अगले सत्र से पत्रकारों के लिए 3 से 6 महीने के शॉर्ट टर्म पाठ्यक्रम भी शुरू किए जा सकते हैं।

तमिल या बंगाली अनिवार्य तौर पर पढ़नी होगी
पत्रकारिता के नए पाठ्यक्रम में छात्रों को अनिवार्य तौर पर एक अतिरिक्त भाषा पढ़नी होगी। छात्रों को 6 भाषाओं में से कोई एक भाषा पढ़ने का विकल्प दिया जाएगा। इन छह भाषाओं में हिन्दी और अंग्रेजी शामिल नहीं है। इनमें जिन दो भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है उनमें तमिल और बंगाली हैं।

हिन्दुस्तान हेल्पलाइन
सविता दत्ता, प्राचार्य, मैत्रेयी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय

डीयू के 61 स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो  चुकी है। इसको लेकर विद्यार्थियों के मन में कई सवाल हैं। इन सवालों का जवाब हमारे विशेषज्ञ ‘हैलो हिन्दुस्तान’ हेल्पलाइन के जरिए रोजाना देंगे।

1. दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में पत्रकारिता पढ़ाई जाती है क्या? वहां स्नातक में कौन-कौन से पाठ्यक्रम हैं? 
    -मुकेश कुमार
जवाब : दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में पत्रकारिता नहीं है। यहां स्नातक में 5 पाठ्यक्रम हैं। ये पाठ्यक्रम बीकॉम ऑनर्स, बीकॉम प्रोग्राम, बीए प्रोग्राम, बीए (ऑनर्स) राजनीतिक विज्ञान और बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी हैं। 

2. बारहवीं के बाद मेरा एक साल का गैप है। मुझे दाखिले के लिए कौन से दस्तावेज ले जाने होंगे? 
    -आलोक चंद
जवाब : आपको यह साबित करना होगा कि आपने किसी अन्य विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं ले रखा है। अगर आपने किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की है तो उसका रोल नंबर या एडमिट कार्ड दाखिले के समय दिखाना होगा।  

3.   मेरे पास बारहवीं में साइंस के विषयों के साथ अर्थशास्त्र भी था। क्या बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र में दाखिले के लिए मेरे कटऑफ से 2.5 फीसदी अंक कम होंगे। 
     -शुभम पांडे
जवाब : आपके लिए गणित पढ़ा होना जरूरी है। साथ ही मेरिट में आपके अंक नहीं कटेंगे। 

4. 12वीं में 93.8 फीसदी अंक हैं। मैं फूड टेक्नोलॉजी पढ़ना चाहती हूं। कौन से कॉलेज में यह कोर्स है?
    -नैना गुप्ता 
जवाब: यह पाठ्यक्रम इंस्टीट्यूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स और लेडी इरविन कॉलेज में है।
 

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