भ्रष्टाचार और उत्पीड़न से तंग आ गए… कंपनी ने अचानक भारत में बंद कर दिया अपना कारोबार
संक्षेप: कंपनी के संस्थापक ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार और उत्पीड़न की वजह से उन्हें भारत में अपना संचालन बंद करना पड़ा। वहीं, चेन्नई कस्टम्स ने सोशल मीडिया के जरिए इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कंपनी पर गलत घोषणा और गलत वर्गीकरण का आरोप लगाया है।

तमिलनाडु की एक इंपोर्ट कंपनी और चेन्नई कस्टम्स के बीच रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर विवाद तेज हो गया है। विन्ट्रैक इंक (Wintrack Inc) नाम की इस कंपनी के संस्थापक ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार और उत्पीड़न की वजह से उन्हें भारत में अपना संचालन बंद करना पड़ा। वहीं, चेन्नई कस्टम्स ने सोशल मीडिया के जरिए इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कंपनी पर गलत घोषणा और गलत वर्गीकरण का आरोप लगाया है।
विवाद कैसे शुरू हुआ?
मामला तब सुर्खियों में आया जब कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर आरोप लगाया कि चेन्नई कस्टम्स के अधिकारी लगातार रिश्वत की मांग कर रहे हैं। संस्थापक प्रवीन गणेशन ने कहा कि “लगातार उत्पीड़न और भ्रष्टाचार ने हमें कामकाज बंद करने पर मजबूर कर दिया।” कंपनी के आरोपों के बाद चेन्नई कस्टम्स ने तुरंत ही सोशल मीडिया पर जवाब देते हुए दावा किया कि विन्ट्रैक की शिपमेंट्स में गलत जानकारी और वर्गीकरण पाए गए।
विन्ट्रैक इंक का आरोप
कंपनी ने कहा कि यह मामला सुनियोजित उत्पीड़न और भ्रष्टाचार का है। प्रवीन गणेशन ने यहां तक कि कुछ विशेष कस्टम अधिकारियों के नाम लेकर उन पर रिश्वतखोरी और परेशान करने का आरोप लगाया।
चेन्नई कस्टम्स का जवाब
अधिकारियों ने आरोपों को “झूठा, योजनाबद्ध और अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश” बताया। उनका कहना है कि कंपनी की शिपमेंट्स में गलत डिक्लेरेशन और मिसक्लासिफिकेशन पाए गए और सारी प्रक्रियाएं कानून के मुताबिक की गईं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सुनवाई, बॉन्ड और डिमरेज रियायतें कानून के अनुसार दी गईं। CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) का रुख- बोर्ड ने कहा कि यह मामला तकनीकी अनुपालन का है। “सभी तथ्यों की जांच की जाएगी और कानून के अनुसार जरूरी कार्रवाई होगी।”
कंपनी के बारे में
विन्ट्रैक इंक एक लॉजिस्टिक्स कंपनी है, जो ग्राहकों को अलीएक्सप्रेस, अलीबाबा, लाजदा, और शॉपी थाईलैंड जैसी इंटरनेशनल ई-कॉमर्स साइट्स से सामान मंगवाने में मदद करती है। कंपनी छोटे स्तर के आयातकों को टारगेट करती है और “MOQ 1 पीस से भी” ऑर्डर दिलाने का दावा करती है। 2021 से ऑपरेशनल यह कंपनी सोशल मीडिया मार्केटिंग और डोर-टू-डोर डिलीवरी के जरिए अपना कस्टमर बेस बना चुकी है।





