IPO ओपन होने से पहले विवादों में आई यह कंपनी, बॉम्बे HC में याचिका दायर, समझें मामला
संक्षेप: एम्बेसी समूह के पास वर्तमान में वीवर्क इंडिया में करीब 76.21 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि वीवर्क ग्लोबल के पास 23.45 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वीवर्क इंडिया के 10 अक्टूबर को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की उम्मीद है।

WeWork IPO: आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) मार्केट में वीवर्क की एंट्री होने वाली है। इससे पहले ही कंपनी विवादों में आ गई है। एक निवेशक ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें कंपनी पर गलत काम करने और बाजार नियामक द्वारा उसकी शिकायतों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया गया है।
एक याचिकाकर्ता ने दावा किया कि ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में कई महत्वपूर्ण जानकारियां और भ्रामक बातें शामिल हैं, जिनमें गंभीर आर्थिक अपराधों के लिए प्रमोटरों के खिलाफ दायर आरोपपत्र को छिपाना भी शामिल है। बंसल ने सेबी से अपील की है कि जब तक आरोपों की जांच पूरी नहीं हो जाती और कोई औपचारिक फैसला नहीं आ जाता, तब तक वीवर्क को आईपीओ लाने से रोका जाए।
सेबी को रोक लगाने का है अधिकार
बॉम्बे हाईकोर्ट की याचिका में दावा किया गया है कि सेबी अधिनियम की धारा 11ए सेबी को निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए किसी भी इश्यू पर रोक लगाने का स्पष्ट अधिकार प्रदान करती है। याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि आईपीओ से प्राप्त राशि जारीकर्ता के लिए कोई ठोस संपत्ति या व्यावसायिक अवसर पैदा नहीं करेगी। इसके बजाय, यह मुख्य रूप से खुदरा निवेशकों की कीमत पर प्रमोटरों को बाहर निकलने का रास्ता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो बदले में सेबी के सामान्य आदेश, 2012 में निर्धारित सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
सेबी की निष्क्रियता
याचिकाकर्ता ने सार्वजनिक होने की योजना बना रही कंपनी के खिलाफ दायर विस्तृत शिकायतों पर सेबी की निष्क्रियता को चुनौती दी है। याचिका में उल्लेख किया गया है कि सेबी के समक्ष शिकायत दर्ज करने के बावजूद, उसने न तो इस मुद्दे पर निर्णय लिया है और न ही कोई तर्कसंगत मैसेज पारित किया है, जो एक स्पष्ट आदेश पारित करने के कर्तव्य का उल्लंघन करता है।
आईपीओ के बारे में
वीवर्क इंडिया ने आईपीओ से पहले बड़े (एंकर) निवेशकों से 1,348 करोड़ रुपये जुटाए हैं। आपको बता दें कि कंपनी ने अपने आगामी 3,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए 615 से 648 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। यह सब्सक्रिप्शन के लिए तीन अक्टूबर को खुलेगा और सात अक्टूबर को बंद होगा। आईपीओ पूरी तरह से 4.63 करोड़ शेयर की बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित है। इसके तहत प्रवर्तक समूह इकाई एम्बेसी बिल्डकॉन एलएलपी और निवेशक 1 एरियल वे टेनेंट लिमिटेड (वीवर्क ग्लोबल का हिस्सा) अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।





