इस चर्चित कंपनी को खरीदने के लिए वेदांता ने CCI से मांगी मंजूरी, ₹3 का शेयर, कारोबार पड़ा है ठप
वेदांता ने जेएएल को खरीदने के लिए 12,505 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। यह ऑफर अडानी ग्रुप की बोली से बड़ा है, जिससे वेदांता इस दौड़ में आगे निकल गया है। बता दें कि इससे पहले अडानी ग्रुप भी जेएएल के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखा चुका था।

Jaiprakash Associates Share: वेदांता ग्रुप ने जेपी एसोसिएट्स के अधिग्रहण के लिए बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने इस डील को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से मंजूरी मांगी है। यह अधिग्रहण कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। वेदांता ने जेएएल को खरीदने के लिए 12,505 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। यह ऑफर अडानी ग्रुप की बोली से बड़ा है, जिससे वेदांता इस दौड़ में आगे निकल गया है। बता दें कि इससे पहले अडानी ग्रुप भी जेएएल के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखा चुका था। इस डील में शुरुआत में करीबन 25 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। कंपनी के शेयर के दाम वर्तमान में 3.42 रुपये है और फिलहाल इसकी ट्रेडिंग 8 सितंबर से ही बंद है।
क्या है डील का उद्देश्य
इस सौदे का मुख्य मकसद जेएएल की दिवालियापन की समस्या का समाधान करना है। लंबे समय से वित्तीय संकट में फंसी जेएएल पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों का भारी कर्ज है। अधिग्रहण के ज़रिए जेएएल को नया जीवन मिलने की उम्मीद है। वेदांता ने अधिग्रहण योजना में अग्रिम भुगतान और वार्षिक भुगतान दोनों का प्रावधान रखा है। इस तरह की व्यवस्था कर्जदाताओं के लिए राहत का काम करेगी और कंपनी की वित्तीय स्थिरता को बहाल करने में मदद मिलेगी। अगर यह डील सफल होती है तो जेएएल को दिवालिया संकट से बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा। कर्जदाताओं को अपने पैसे की वसूली की संभावना बढ़ेगी और वेदांता को इंफ्रास्ट्रक्चर और सीमेंट सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करने का बड़ा अवसर मिलेगा।
जेपी एसोसिएट्स का कारोबार
जेपी एसोसिएट्स देश की जानी-मानी इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन कंपनी रही है। यह जेपी ग्रुप का हिस्सा है, जो पहले हाइड्रो पावर, सीमेंट, रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में सक्रिय था। लेकिन समय के साथ कंपनी पर भारी कर्ज चढ़ता गया और प्रोजेक्ट्स में देरी तथा रियल एस्टेट सेक्टर की सुस्ती के कारण वित्तीय संकट गहराता गया। यही वजह है कि जेएएल को दिवाला समाधान प्रक्रिया में ले जाया गया।
कंपनी पर भारी भरकम कर्ज
बता दें कि जेपी एसोसिएट्स के कर्ज़दाताओं ने अब तक ₹57,185 करोड़ रुपये से अधिक के बकाए का दावा किया है। पिछले साल कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में शामिल किया गया था। वेदांता ने जेएएल के लिए ₹17,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है। इसमें – ₹3,800 करोड़ अग्रिम भुगतान किया जाएगा। अगले पांच साल तक हर साल ₹2,500–3,000 करोड़ रुपये का वार्षिक भुगतान होगा। इन भुगतानों का नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) लगभग ₹12,505 करोड़ बैठता है।




