क्यों रसोई गैस पर बढ़ाया गया 11.50 रुपये प्रति सिलेंडर? ये है वजह
भारत ईंधन के मामले में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। लेकिन, भारत को अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में गिरी कीमतों का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि दो महीने के दौरान...
भारत ईंधन के मामले में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। लेकिन, भारत को अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में गिरी कीमतों का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि दो महीने के दौरान कच्चे तेल की आयात लागत रुपये के हिसाब से 69 फीसदी बढ़ी है। इसी वजह से सरकारी तेल कंपनियों को रसोई गैस में 1 फरवरी के बाद पहली बार 11.50 रुपये प्रति सिलिंडर बढ़ाना पड़ा है।
सरकार की तरफ से संचालित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) भारत का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता है, जिसने रविवार की आधी रात एक बयान जारी कर एलपीजी गैस के दाम 1 जून से बढ़ाने की घोषणा की।
इसमें कहा गया कि “जून 2020 में एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ गई हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी कीमतों के चलते दिल्ली में एलपीजी का खुदरा दाम प्रति सिलिंडर 11.50 रुपये प्रति सिलिंडर बढ़ाया जाएगा।” इसके बाद अब दिल्ली में 14.2 किलोग्राम गैस के सिलिंडर की कीमत 593 रुपये हो गई है। अन्य शहरों में इसकी कीमत स्थानीय चार्ज के हिसाब से तय होगी।
आईओसी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट के चलते पिछले महीने रसोई गैस की कीमत दिल्ली में प्रति सिलिंडर 162.2 रुपये कम होकर 581.50 रुपये हो गई थी। तेल मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़े रखने वाले पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के मुताबिक, भारत में औसत कच्चे तेल की कीमत 69 फीसदी बढ़कर दो महीने में 1 अप्रैल में प्रति बैरल 1491.57 से बढ़कर 2,516.77 प्रति बैरल हो गई है।
जानकारों का यह मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारो में तेल की कीमतों का बढ़ना आयात पर निर्भर रहने वाले खासकर भारत के लिए चिंता की बात है क्योंकि 25 मार्च से कोरोना लॉकडाउन के चलते बंद देश में अब अर्थव्यवस्था को खोलने का फैसला किया गया है। ऐसे में तेल की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
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