Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Why does the rupee weaken why is it compared with the dollar

क्यों आती है रुपये में कमजोरी, डॉलर से ही क्यों होती है तुलना

Dollar Vs Rupee:  रुपये में कमजोरी कई वजह से होती है। इसका सबसे आम कारण है डॉलर की डिमांड बढ़ जाना। अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाली किसी भी उथल-पुथल से निवेशक घबराकर डॉलर खरीदने लगते हैं।

क्यों आती है रुपये में कमजोरी, डॉलर से ही क्यों होती है तुलना
Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 1 Jan 1970 05:30 AM
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Dollar Vs Rupee:  रुपये में कमजोरी कई वजह से होती है। इसका सबसे आम कारण है डॉलर की डिमांड बढ़ जाना। अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाली किसी भी उथल-पुथल से निवेशक घबराकर डॉलर खरीदने लगते हैं। ऐसे में डॉलर की मांग बढ़ जाती है और बाकी मुद्राओं में गिरावट शुरू हो जाती है। शेयर बाजार की उथल-पुथल का भी रुपये की कीमत पर असर होता है।

रुपये की तुलना डॉलर से ही क्यों

वैश्विक स्तर पर अधिकांश मुद्राओं की तुलना डॉलर से होती है। रुपये की डॉलर से ही तुलना क्यों होती है? इस सवाल का जवाब छिपा है द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए ‘ब्रेटन वुड्स एग्रीमेंट’ में। इस समझौते में न्यूट्रल ग्लोबल करेंसी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था।

उस समय युद्धग्रस्त पूरी दुनिया में अमेरिका आर्थिक तौर पर मजबूत होकर उभरा था। ऐसे में अमेरिकी डॉलर को दुनिया की रिजर्व करेंसी के रूप में चुना गया और पूरी दुनिया की करेंसी के लिए डॉलर को एक मापदंड के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।

सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ रुपया

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और आगे भी सख्त रुख बनाए रखने के स्पष्ट संकेत से गुरुवार को रुपया 83 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.79 प्रति डॉलर (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व की दरों में बढ़ोतरी करने और रूस-यूक्रेन में तनाव की वजह से निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा

01 जनवरी 75.43

01 फरवरी 74.39

01 मार्च 74.96

01 अप्रैल 76.21

01 मई 76.09

01 जून 77.21

01 जुलाई 77.95

01 अगस्त 79.54

29 अगस्त 80.10

22 सितंबर 80.79

डॉलर की दहाड़ से कांप रहा रुपया इन क्षेत्रों को कराएगा फायदा 

आईटी क्षेत्र: विदेश में काम करने पर इन कंपनियों की कमाई बढ़ेगी।
दवा निर्यात: रुपया कमजोर होने से इस सेक्टर का निर्यात भी बढ़ेगा।

कपड़ा क्षेत्र को फायदा: टेक्सटाइल निर्यात में भारत वैश्विक रैकिंग में फिलहाल दूसरे स्थान पर मौजूद है। यदि रुपया कमजोर हुआ तो इस सेक्टर को भी काफी फायदा होगा।

 

 

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