Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़wholesale price index Price of wholesale goods decreased in Corona period WPI rate increased by 1 percent in march 2020 Low inflation

कोरोना काल में घट गईं थोक वस्तुओं की कीमतें, मार्च में WPI की दर हुई 1 फीसद, सब्जियों ने दी राहत पर प्याज रहा महंगा

कोरोना काल के दौरान होलसेल वस्तुओं की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। थोक मुद्रास्फीति की दर मार्च में कोरोना वायरस संकट के कारण चल रहे लॉकडाउन की वजह से घटकर 1 फीसदी रह गई है, जबकि पिछले माह...

कोरोना काल में घट गईं थोक वस्तुओं की कीमतें,  मार्च में WPI की दर हुई 1 फीसद, सब्जियों ने दी राहत पर प्याज रहा महंगा
Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीWed, 15 April 2020 01:14 PM
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कोरोना काल के दौरान होलसेल वस्तुओं की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। थोक मुद्रास्फीति की दर मार्च में कोरोना वायरस संकट के कारण चल रहे लॉकडाउन की वजह से घटकर 1 फीसदी रह गई है, जबकि पिछले माह यह 2.26 फीसदी थी। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। बता दें थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित थोक मुद्रास्फीति थोक मूल्यों में बढ़ोतरी की दर होती है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में गिरकर 4.91 प्रतिशत रह गई, जबकि इससे पिछले महीने में यह 7.79 प्रतिशत थी।  कोरोना वायरस महामारी के चलते 25 मार्च से शुरू हुए देशव्यापी लॉकडाउन का असर इस महीने के दौरान आंकड़े जमा करने पर भी पड़ा।सब्जियों की मुद्रास्फीति मार्च में गिरकर 11.90 प्रतिशत रह गई, जबकि इससे पिछले महीने में यह 29.97 प्रतिशत थी। हालांकि, इस दौरान प्याज महंगा बना रहा। 

ईंधन और बिजली उत्पादों में 1.76 प्रतिशत की अवस्फीति देखने को मिली, जबकि विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में 0.34 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण नवीनतम माह के लिए डब्ल्यूपीआई के प्रारंभिक आंकड़ों की गणना निम्न प्रतिक्रिया दर के आधार पर की गई है और आगे चल कर इन आंकड़ों में उल्लेखनीय परिवर्तन हो सकता है।

खुदरा मुद्रास्फीति भी  5.91 प्रतिशत पर आ गई।

खाने-पीने का सामान कुछ सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मार्च महीने में इससे पिछले माह के मुकाबले कम होकर 5.91 प्रतिशत पर आ गई। यह चार महीने में सबसे कम महंगाई दर है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी 2020 में 6.58 प्रतिशत और पिछले साल मार्च में 2.86 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल मार्च में 8.76 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 10.81 प्रतिशत थी। 

रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय खुदरा महंगाई दर पर मुख्य रूप से गौर करता है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति अधिकतम दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। 

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