RBI की डिजिटल करेंसी के साथ क्या बचा रहेगा नकदी का वजूद?
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए जोरदार प्रेरक कारक हैं और नए जमाने की मुद्रा के साथ ही नकदी का...
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए जोरदार प्रेरक कारक हैं और नए जमाने की मुद्रा के साथ ही नकदी का अस्तित्व भी बना रहेगा। आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुब्बाराव ने कहा कि साइबर सुरक्षा भी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के नकारात्मक जोखिमों में से एक है।
उन्होंने कहा, ''आरबीआई द्वारा सीबीडीसी की पेशकश के लिए एक मजबूत प्रेरक कारक है... सीबीडीसी के साथ नकदी का वजूद भी बना रहेगा।'' आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने यह भी कहा कि जब केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा पेश करेगा, तो गोपनीयता भी एक बड़ा मुद्दा होगा।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने हाल में कहा था कि केंद्रीय बैंक चरणबद्ध क्रियान्वयन रणनीति के साथ अपनी डिजिटल मुद्रा पर काम कर रहा है। आरबीआई निकट भविष्य में थोक और खुदरा श्रेणियों में इसे पेश करने की प्रक्रिया में है।
वहीं कुछ दिन पहले गवर्नर शक्तिकांत दास ने सीएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में बताया, "भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर तक अपना पहला डिजिटल मुद्रा परीक्षण कार्यक्रम शुरू कर सकता है।" उन्होंने कहा, "हम इसके बारे में बेहद सावधान हैं क्योंकि यह पूरी तरह से एक नया प्रोडक्ट है। ये आरबीआई के लिए ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर नया प्रयोग है।" शक्तिकांत दास के मुताबिक मुझे लगता है कि साल के अंत तक, शायद अपना पहला परीक्षण शुरू करने के लिए हम सक्षम होंगे। बीते जुलाई में केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने भी इस साल के अंत तक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि डिजिटल करेंसी लाने की तिथि बताना मुश्किल है। हम संभवत: इस साल के अंत तक इसका मॉडल ला सकते हैं।