क्या है गोल्ड बॉन्ड और क्यों मांग तीन साल के निचले स्तर पर आई
How to Invest in Gold Bond: अब तक कुल 62 बार गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond( जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 21 पांच साल की अवधि पूरी कर चुके हैं। इसके बावजूद निवेशकों ने इसमें से निकासी नहीं की है।
सोने में निवेश को लेकर आम लोगों में भी हमेशा उत्साह देखा गया है। मौजूदा समय में इसमें निवेश के लिए कई विकल्प बाजार में हैं। हालांकि, इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष में अब तक गोल्ड बॉन्ड की मांग घटकर 8.73 टन के बराबर रह गई है। यह इसका तीन साल का निचला स्तर है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की मौजूदा ऊंची कीमत गोल्ड बॉन्ड की मांग में गिरावट की मुख्य वजह है। इसके अलावा शादी-विवाह के मौसम में ज्वेलरी खरीदने की परंपरा से भी गोल्ड बॉन्ड की मांग घटी है। उनका कहना है कि सोना अभी उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहा है। ऐसे में मौजूदा समय में जारी किए गए गोल्ड बॉन्ड की कीमत भी ऊंची होती है। इसकी वजह से भविष्य में ज्यादा ऊंचा भाव नहीं जाने की आशंका में निवेशक बॉन्ड की खरीदारी से दूर हुए हैं।
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आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में सबसे अधिक गोल्ड बॉन्ड में निवेश हुआ था और यह 32 टन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया था। इसके बाद वित्त वर्ष 2022 में 27 टन के बराबर गोल्ड बॉन्ड की खरीदारी हुई।
क्या है गोल्ड बॉन्ड
यह सरकार की ओर से जारी निवेश पत्र (बॉन्ड) है। यह सोने में निवेश का विकल्प है। इसे सरकार की ओर से रिजर्व बैंक जारी करता है। इसकी खरीदारी म्यूचुअल फंड की तरह यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर सोना नहीं बल्कि उस समय उसके मौजूदा मूल्य के आधार पर राशि मिलती है। इसमें न्यूनतम एक ग्राम सोने के बराबर राशि निवेश कर सकते हैं।
कैसे कर सकते हैं निवेश
इसमें दस्तावेज के रूप में और डिजिटल रूप में भी निवेश कर सकते हैं। रिजर्व बैंक इसकी खरीदारी के लिए डिजिटल भुगतान पर 50 रुपये प्रति 10 ग्राम की छूट भी देता है। इसकी परिपक्वता अवधि आठ साल की है, लेकिन पांच साल पूरा होने पर इसमें से राशि निकलने की छूट है।
निवेशको में घबराहट नहीं
आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल 62 बार गोल्ड बॉन्ड जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 21 पांच साल की अवधि पूरी कर चुके हैं। इसके बावजूद निवेशकों ने इसमें से निकासी नहीं की है। आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि लंबी अवधि में सोने ने निराश नहीं किया है और इसे देखते हुए ही निवेशक गोल्ड बॉन्ड से राशि निकालने की हड़बड़ी में नहीं है।
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