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ट्रांसपोर्टर्स को ई-वे बिल के नियमों में मिल सकती है राहत

जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में ट्रांसपोर्टर्स को बड़ी राहत दी जा सकती है। उन्हें ई-वे बिल एक्सपायर होने की हालत में लगने वाली पेनाल्टी से छूट दी जा सकती है। हिंदुस्तान को मिली जानकारी के मुताबिक...

Sheetal Tanwar सौरभ शुक्ल, नई दिल्ली Wed, 14 April 2021 08:58 AM
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जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में ट्रांसपोर्टर्स को बड़ी राहत दी जा सकती है। उन्हें ई-वे बिल एक्सपायर होने की हालत में लगने वाली पेनाल्टी से छूट दी जा सकती है। हिंदुस्तान को मिली जानकारी के मुताबिक ट्रांसपोर्टर्स के इस प्रस्ताव पर वित्तमंत्रालय ने काम शुरू कर दिया है।

ट्रांसपोर्टर कारोबारियों ने वित्तमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया था साथ ही मंत्रालय में अधिकारियों को भी इस बारे में प्रेजेंटेशन दी गई है। जानकारी के मुताबिक कराबारियों की सबसे बड़ी मुश्किल होती है ई-वे बिल का एक्सपायर होना। मौजूदा व्यवस्था में एक दिन में 200 किलोमीटर तक की दूरी के लिए ही ई-वे बिल की मान्यता होती है। वहीं अगर दूसरी एक हजार किलोमीटर की है तो ये समय 5 दिन का होता है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल नवीन कुमार गुप्ता ने हिंदुस्तान को बताया कि ट्रक यदि तय समय सीमा से देर से पहुंचता है और ई-वे बिल एक्सपायर हो जाता है तो उस हालत में सामान पर लगे टैक्स के मुकाबले दो सौ फीसदी का जुर्माना देना होता है। उन्होंने कहा है कि सरकार से मांग की गई है कि मौजूदा व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से बदलते हुए राहत दी जाए।

उनके मुताबिक कई जरूरी सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पहुंचाना होता है। ऐसे में कई जिलों की सीमा में नाइट कर्फ्यू लगे होने से नियमों के पालन में मुश्किल आ रही है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पहले भी इन नियमों का पालन करना संभव नहीं हो पाता था। क्योंकि देश में सिर्फ एक जगह से ही दूसरी जगह के लिए सामान की डिलिवरी नहीं करनी होती है।

यदि कोई ट्रक दिल्ली से कोलकाता के लिए जाता है तो उसमें बीच की जगहों का भी सामान होता है जिसे डिलिवर करते रहना होता है। ऐसे में कोलकाता तक पहुंचने में देरी होना संभव है। यही वजह है कि ये नियम तर्क संगत नहीं है।

इन मांगों पर विचार करते हुए सरकार भी ई-वे बिल के मौजूदा स्ट्रक्चर पर बदलाव के लिए राजी हो गई है और उस पर काम भी शुरू कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक खास तौर पर सामान भेजने के एक दिन में दो सौ किलोमीटर न ट्रैवेल कर पाने पर ई-वे बिल की एक्सपायरी का प्रावधान बदला जा सकता है। वहीं समय की बाध्यता वाले सामानों की अलग से लिस्ट जारी की जा सकती है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक के लिए 5 राज्यों के चुनावों के खत्म होकर नई सरकार बनने का इंतजार किया जा रहा है। उसके बाद ही इन पर फैसला होगा।

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