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टमाटर ने लगाया शतक, आलू ने पचासा, अब रुलाने लगा प्याज

कोरोना काल में टमाटर अब कई जगहों पर शतक लगा चुका है। वहीं आलू 50 रुपये किलो बिकने लगा है जबकि प्याज के दाम एक हफ्ते में दोगुना होने से लोगों के आंसू निकल रहे हैं, हालांकि सरकार प्याज के रेट न बढ़ने...

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीWed, 16 Sep 2020 09:38 AM
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कोरोना काल में टमाटर अब कई जगहों पर शतक लगा चुका है। वहीं आलू 50 रुपये किलो बिकने लगा है जबकि प्याज के दाम एक हफ्ते में दोगुना होने से लोगों के आंसू निकल रहे हैं, हालांकि सरकार प्याज के रेट न बढ़ने पाए इसके लिए फौरी उपाय करते हुए सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। बावजूद इसे दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। जहां तक टमाटर की कीमतों में उछाल की बात है तो देश के दक्षिणी और पश्चिमी इलाकों में भारी बारिश से टमाटर की आपूर्ति प्रभावित हुई है। यही वजह है कि माल्दा, एजल और इंफाल में इसकी खुदरा कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को देश में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 50 रुपये थी।

Uttar Pradesh, Minimum Support Price of Potato, State of UP Potato Production

मंत्रालय देशभर के 114 बाजार केंद्रों में 22 अनिवार्य वस्तुओं की कीमत पर नजर रखता है। इसमें आलू, टमाटर और प्याज शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश में मंगलवार को आलू और प्याज की औसत कीमत 35 रुपये प्रति किलोग्राम रही। जबकि अधिकतम कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।  आलू, प्याज और टमाटर लगभग हर भारतीय रसोई का हिस्सा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश के चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में टमाटर की कीमत क्रमश: 63 रुपये, 68 रुपये, 80 रुपये और 50 रुपये प्रति किलोग्राम रही। हालांकि सब्जीवाले, फेरीवाले इत्यादि सरकारी दाम से ज्यादा पर ही टमाटर की बिक्री कर रहे हैं।। जबकि अधिकतम कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई।

कीमतों में तेजी की वजह

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बता दें  रबी और खरीफ दोनों में प्याज को बोया जाता है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक में ये फसल मई और नवंबर तक तैयार हो जाती हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश, आंध्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बंगाल में ये फसल इसके आगे-पीछे तैयार होती है। इस साल दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में टमाटर की फसल कम रहने की आशंका है। कोविड-19 महामारी के दौरान कीमतों को लेकर अनिश्चिता के चलते इस बार किसानों ने कम रकबे पर टमाटर की खेती की है। हर साल प्याज की कीमतें बढ़ने से रोकने के उपाय किए जाते हैं। प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया जाता है, प्याज के स्टॉक पर रोक लग जाती है। सरकारी एजेंसियां सस्ते दामों पर प्याज की बिक्री शुरू कर देती हैं। इस बार भी सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।

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