Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Three schemes worth 50000 crores started to make sself reliant in electronic products 10 lakh people will get employment

इलेक्ट्रानिक उत्पाद में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 50000 करोड़ की तीन योजनाएं शुरू, 10 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

सरकार ने मोबाइल फोन उत्पादन में दुनिया का शीर्ष देश बनाने के साथ ही इलेक्ट्रानिक उत्पादों एवं उसके कलपुर्जे के उत्पादन को गति देने के उद्देश्य से आज करीब 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीन नई योजनायें...

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीTue, 2 June 2020 03:02 PM
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सरकार ने मोबाइल फोन उत्पादन में दुनिया का शीर्ष देश बनाने के साथ ही इलेक्ट्रानिक उत्पादों एवं उसके कलपुर्जे के उत्पादन को गति देने के उद्देश्य से आज करीब 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीन नई योजनायें शुरू करने की घोषणा की है।  इलेक्ट्रानिक्स , सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुए कहा कि मेक इन इंडिया किसी दूसरे देश को पीछे छोड़ने के लिए नहीं बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। 

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक देश

उन्होंने कहा कि इसी के तहत इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के मैन्यूफैक्चरिंग को पिछले छह वर्षों में गति मिली है और अभी भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक देश बन चुका है। देश को अगले कुछ वर्षों में दुनिया का शीर्ष देश बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रसाद ने कहा कि इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के मैन्यूफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता हासिल करने और इसके लिए देश में पांच वैश्विक और पांच राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों का निमार्ण करने के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपये की तीन नई योजनाएं जिसमें उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) इलेक्ट्रानिक कंपोनेंट एंड सेमीकंडक्टर्स (एसपीईसीएस) और मोडिफाइड इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर स्कीम 2.0 (ईएमसी 2.0) शामिल है। 

अगले पांच साल में करीब 10 लाख लोगों को रोजगार

प्रसाद ने कहा कि इन तीनों योजनाओं से अगले पांच साल में करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। इसके साथ ही आठ लाख करोड़ रुपये के मैन्यूफैक्चरिंग और 5.8 लाख करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि 40995 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना का लक्ष्य मोबाइल फोन और इलेक्ट्रानिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ाना है। इसके तहत बड़े पैमाने पर मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग करना है। इसके लिए कंपनियों को अगले पांच साल तक चार से छह प्रतिशत तक उत्पादन से जुड़ा बोनस दिया जाएगा।

31 जुलाई 2020 तक करें आवेदन

 इस योजना में प्रारंभिक चरण के तहत 31 जुलाई 2020 तक आवेदन किया जा सकेगा। इसके तहत प्रति कंपनी के लिए न्यूनतम निवेश और उत्पादन की सीमा निर्धारित की गई है। प्रत्येक कंपनी को वार्षिक और अधिकतम बोनस भी निर्धारित किया गया है। इस योजना को आईएफसीआई लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि 3285 करोड़ रुपये की एसपीईसीएस योजना का लाभ उठाने की चाहत रखने वाली कंपनियों को न्यूनतम पांच हजार करोड़ रुपये से एक हजार करोड़ रुपये तक निवेश करना होगा। अधिक निवेश की सीमा निर्धारित नहीं है। इसके तहत संयंत्र , मशीनरी, उपकरण, आर एंड डी, यूटिलिटी और टीओटी पर लाभ मिलेगा। इसके माध्यम से कलपुर्जों के साथ ही सेमीकंडक्टर , एमटीएमपी और विशेष उप असेंबली करना शामिल है। इस योजना का क्रियान्वयन भी आईएफसीआई  लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।  

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