Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़This is how to protect yourself from the second wave of Corona

कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए ऐसे करें प्लान, नहीं होगी पैसे की तंगी

कोरोना की दूसरी लहर ने सबकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। आम उपभोक्ताओं के लेकर निवेशक तक सब सहमे हुए हैं। पिछले साल मार्च लेकर मई तक पूर्ण लॉकडाउन के बाद कई मोर्चों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।...

Sheetal Tanwar नील बोराट, नई दिल्ली Wed, 14 April 2021 01:18 PM
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कोरोना की दूसरी लहर ने सबकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। आम उपभोक्ताओं के लेकर निवेशक तक सब सहमे हुए हैं। पिछले साल मार्च लेकर मई तक पूर्ण लॉकडाउन के बाद कई मोर्चों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। कंपनियों की बंदी से छंटनी करनी पड़ी और रोजगार के अवसर भी घटे। ऐसे में किसी बड़ी मुसीबत से बचने के लिए आपको बेहद सावधानी के साथ कदम बढ़ाना होगा।

सबसे पहले इमर्जेंसी फंड बनाएं

पिछले साल छंटनी के शिकार हुए लोगों को कई माह तक दूसरी नौकरी नहीं मिली। बैंकों की ईएमआई भी तत्काल देने से राहत मिली जबकि उससे लंबी अवधि में वित्तीय बोझ बढ़ गया। ऐसे में सबसे पहले आपको इमर्जेंसी फंड बनाना चाहिए। इसमें कम से कम छह से 12 माह के खर्च के बराबर राशि जमा रखें। हालांकि, इमर्जेंसी फंड कितनी अवधि का को इसके लिए कोई मानक तय नहीं है और यह आपकी वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है। इसके बावजूद कम से कम छह माह के लिए इमर्जेंसी फंड जरूर रखें।

बचत खाता को न समझें इमर्जेंसी फंड

सामान्य तौर पर हम बचत खाता में जमा को इमर्जेंसी फंड मानने की गलती कर बैठते हैं। जबकि उसमें से लगातार सभी काम के लिए राशि निकलती रहती है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि इमर्जेंसी फंड को अलग-अलग कई विकल्पों में निवेश करके रखना चाहिए। इसमें बचत खाता के अलावा, लिक्विड फंड और छोटी अवधि की एफडी शामिल है। लिक्विड फंड भी छोटी अ‌वधि का होता है। एफडी एक या दो माह की अलग-अलग कराकर रखें जिससे जरूरत पर निकालने के लिए लंबा इंतजार या जुर्माना न चुकाना पड़े।

फॉर्मा को छोड़कर सभी क्षेत्र धड़ाम

पिछले साल मार्च-अप्रैल में फॉर्मा क्षेत्र में 23.10 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी। इसके अलावा अन्य सभी प्रमुख क्षेत्रों में दो से 33 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। एफएमसीजी में 2.19 फीसदी की गिरावट आई। वहीं आईटी में 7.26 और ऑटो में 14.52 फीसदी की गिरावट आई। वित्तीय सेवाओं में 22 फीसदी, बैंकिंग में 26 फीसदी, मीडिया में 30 फीसदी और रिएल एस्टेट में 33.24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर का इन क्षेत्रों पर फिर असर दिख सकता है।

घबराकर खरीदारी से बचें

पिछले साल लॉकडाउन के डर से लोगों ने खाने-पीने के साथ अन्य रोजमर्रा के घरेलू समानों की जमाखोरी कर ली थी। इससे लोगों का बजट बिगड़ गया। समानों को लेकर बाजार में कभी कोई परेशानी नहीं आई। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आपके किचन का खर्च 15 हजार रुपये प्रति माह है और आप तीन माह का समान एक बार खरीद लेते हैं तो इससे आपका 30 हजार रुपया फंस जाता है। जबकि कोरोना संकट को देखते हुए पैसा आपके पास होना चाहिए।

कोरोना बीमा कवर जरूर रखें

बीमा नियामक इरडा को पिछले साल कोरोना बीमा कवर के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा था। इसके बाद पुरानी पॉलिसी में कवर देने के साथ कंपनियों ने तीन से नौ माह का कोरोना बीमा कवर देना भी शुरू किया। कोरोना संकट की गंभीरता को देखते हुए कोरोना बीमा कवर जरूर लें। इससे आपकी जेब हल्की होने से बच सकती है और मुसीबत में यह बेहद मददगार साबित हो सकता है।

दूसरी लहर भारत के लिए बड़ी चुनौती

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संकट में पिछले साल भारत ने दुनिया का नेतृत्व किया लेकिन दूसरी लहर में स्थिति अलग है। अमेरिका और यूरोप में ज्यादातर देश टीकाकरण में काफी आगे बढ़ चुके हैं और वहां की ज्यादातर आबादी को टीका लग चुका है। जबकि भारत में टीकाकरण की रफ्तार सुस्त है। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर भारत के लिए ज्यादा बड़ी चुनौती है।

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