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bitcoin में सैलरी देगी यह कंपनी, जानिए कैसा है यह ऑफर

क्रिप्टो करेंसी bitcoin की चर्चा रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब जापान की एक कंपनी ने अपने कर्मचारियों को bitcoin में सैलरी देने का फैसला...

Ranvijayलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 14 Dec 2017 05:39 PM

bitcoin में सैलरी लेने पर 10 फीसदी बोनस भी देगी यह कंपनी

 bitcoin में सैलरी लेने पर 10 फीसदी बोनस भी देगी यह कंपनी1 / 2

 क्रिप्टो करेंसी bitcoin की कीमत 10 लाख रुपये से ऊपर ( 17,000 डॉलर) जाने की बात हो या देशभर में इसके एक्सचेंज पर आयकर के छापे की बात। इसकी चर्चा रुकने का नाम नहीं ले रही है। जापान की एक कंपनी ने अपने कर्मचारियों को bitcoin में सैलरी देने का फैसला किया है। जीएमओ नाम की यह कंपनी अगले साल से bitcoin में सैलरी देगी।

क्या है पेशकश
जीएमओ ने अपने कर्मचारियों को जो पेशकश की है उसके तहत न्यूनतम 10,000 जापानी येन (88.1 डॉलर) के बराबर bitcoin में सैलरी ले सकते हैं। जबकि इस ऑफर के तहत  bitcoin में अधिकतम सैलरी एक लाख जापानी येन (881 डॉलर) होगी।

bitcoin में सैलरी पर बोनस भी
कंपनी ने इस ऑफर के तहत अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए bitcoin में सैलरी लेने पर 10 फीसदी बोनस देने का भी वादा किया है। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 4,700 के करीब है। कंपनी का कहना है कि इसके सफल होने पर इस ऑफर का विस्तार भी करेगी।

यह दुनिया का सबसे बड़ा फॉरेक्स (फॉरेन एक्सचेंज) भी चलाती है

यह दुनिया का सबसे बड़ा फॉरेक्स (फॉरेन एक्सचेंज) भी चलाती है2 / 2

कौन है जीएमओ
जीएमओ जापान की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है। वह दुनिया का सबसे बड़ा फॉरेक्स (फॉरेन एक्सचेंज) भी चलाती है। वर्ष 1995 में स्थापित जीएमओ आईटी, डोमेन,वेब होस्टिंग और इलेक्ट्रॉनिक सिक्यूरिटी आदि की सेवा देती है।

क्या है Bitcoin 
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) है। देश में इसका विनिमयन नहीं होता। इसके बढ़ते चलन से दुनियाभर के केंद्रीय बैंक चिंतित हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस तरह की आभासी मुद्रा रखने वाले लोगों को इसके बारे में आगाह किया है। इस साल मार्च में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने देश और वैश्विक स्तर पर आभासी मुद्राओं पर एक अंतर अनुशासनात्मक समिति का गठन किया था। 

Bitcoin एक्सचेंज पर आयकर विभाग का छापा
आयकर विभाग ने बुधवार को उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में बिटक्वाइन एक्सचेंजों की जांच शुरू कर दी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि यह नियमित सर्वे है, जिसका मकसद बिटक्वाइन के लेनदेन को लेकर आवश्यक जानकारी जुटाना है। इस मामले में फिलहाल किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। सीबीडीटी प्रवक्ता के अनुसार आयकर विभाग की बेंगलुरु टीम की अगुवाई में विभाग की विभिन्न टीमों ने दिल्ली, बेंगलुरु, यूपी,  हैदराबाद, कोच्चि और गुरुग्राम सहित नौ एक्सचेंज परिसरों में सर्वे का काम किया। इन स्थानों पर बिटक्वाइन का लेन-देन होता है। यह कार्रवाई आयकर विभाग की धारा 133ए  के तहत की गई। इस धारा के तहत कार्रवाई का मकसद निवेशकों और व्यापारियों की पहचान के लिए प्रमाण जुटाना, उनके द्वारा किए गए सौदे, दूसरे पक्षों की पहचान, इस्तेमाल किए गए बैंक खातों आदि का पता लगाना होता है। दरअसल, देश में बिटक्वाइन को प्रतिबंधित करने का अभी कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन पहली बार आयकर विभाग ने बिटक्वाइन को लेकर इतने बड़े स्तर पर कदम उठाया है।