सवाल -मैं और मेरी पत्नी दोनों एक ही स्थान पर अलग-अलग नियोक्ता के तहत कार्य करते हैं। हम दोनों किराये पर एक ही मकान में रहते हैं तो क्या हम दोनों मकान किराया भत्ता की छूट अपने नियोक्ताओं से प्राप्त कर सकते हैं। विनोद कुमार गोंद
जवाब - जी हां। अगर आप दोनों पति-पत्नी वास्तव में एक ही मकान का अलग-अलग किराया अदा करते हैं तो दोनों को मकान किराया भत्ता की छूट प्राप्त होगी। आयकर की धारा 10(13ए )के प्रावधानों के अनुसार अगर आपने किराया दिया है तो फिर आप छूट के हकदार हैं।
सवाल - मां को उपहार के रूप में कुछ रुपये देना चाहता हूं। उपहार देने की प्रक्रिया कैसे पूर्ण की जाती है। इसके लिए मुझे क्या करना होगा? (डॉ. मुकेश कुमार शर्मा, बलिया, बरेली)
जवाब - मां को दिया हुआ उपहार पूर्ण रूप से कर मुक्त होता है। उपहार सदैव चेक या बैंक ड्रॉफ्ट के माध्यम से देना सही होता है। जब आप नकद या चेक से उपहार देते हैं तो फिर यह आवश्यक नहीं है की गिफ्ट डीड बनाया जाए। आप एक सादा कागज पर लिखते हुए भी यह उपहार दे सकते हैं, जिसमें उपहार देने और लेने वाले का विवरण लिखा हो, आपस में क्या संबंध है तथा किस कारण से उपहार दिया गया है का उल्लेख हो। इस प्रकार के उपहार 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर गिफ्ट डीड बनाते हुए भी कर सकते हैं। परन्तु जब आप किसी अचल सम्पति को उपहार में देते हैं तो फिर उपहार डीड व उसका रजिस्ट्रेशन का होना आवश्यक है। स्टाम्प पेपर राज्य के स्टाम्प एक्ट के अनुसार प्रयोग में लाए जाते हैं।
सवाल - मेरी एक सवधि जमा (एफडी) भारतीय स्टेट बैंक में है, जिसका ब्याज प्रमाण पत्र में 2,508 रुपये दिखाया है। साथ ही अर्जित ब्याज 2014 रुपये है। कुल मिलाकर 4532 रुपये दिखाया है। मेरा अन्य बैंक में दूसरी एफडी पर ब्याज 15,000 रुपये है जिस पर 10 फीसदी कर काटा गया है। मुझे अपनी एफडी से कुल आय 19,532 रुपये दिखानी चाहिए या 17,508 रुपये। (प्रकाश चन्द्र, हल्द्वानी, नैनीताल)
जवाब - आपको एफडी से कुल आय 19,532 रुपये दिखानी चाहिए। आयकर नियमानुसार एक वित्त वर्ष में प्राप्त आय व अर्जित आय दोनों को जोड़कर ही दिखाना चाहिए।
सवाल - मैं सरकारी स्कूल में अध्यापक हूं। मेरी कर निर्धारण वर्ष 2019-20 के लिए आय इस प्रकार है, वेतन से 24,2650 रुपये, ब्याज से 22,000 रुपये और खेती से आय 120,000 रुपये है। आयकर की छूट 55,130 रुपये है। मुझे आयकर का कौन सा फॉर्म भरना चाहिए। (राजकुमार गर्ग, जयपुर)
जवाब - आपकी खेती से आय 5000 रुपये से अधिक है अतः आपको आयकर रिटर्न फॉर्म-2 भरना चाहिए ।
सवाल - मेरी एक एकल स्वामित्व वाली फॅर्म है। मैंने अपनी शादी पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों से उपहार प्राप्त किए हैं। क्या इस प्रकार के उपहार की प्राप्ति की कोई सीमा है। आयकर में इसका विवरण किस प्रकार से देना होगा। क्या मैं प्राप्त उपहार को अपनी फर्म की पूंजी के तहत जोड़ सकता हूं। (नितिन कुमार,गाजियाबाद)
जवाब - आयकर की धारा 56 के तहत विवाह पर मित्रों एवं रिश्तेदारों से प्राप्त उपहार फिर चाहे वो नकद, चेक या फिर किसी अन्य प्रकार से दिए गए हैं पूरी तरह से कर मुक्त होते हैं। यहां पर उपहार प्राप्ति के लिए कोई अधिकतम सीमा भी नहीं है अर्थात कितनी भी राशि हो सकती है। अगर उपहार चल-अचल संपत्ति के रूप में है तो फिर उचित यही है की उपहार विवाह के दिन दिए जाए या उसके नजदीक। गिफ्ट डीड में विवाह का उल्लेख आवश्य करें। प्राप्त उपहार को आप अपने व्यवसाय के लिए उपयोग में ले सकते हैं। ध्यान रहे, आयकर विवरणी में प्राप्त उपहार को आवश्यक दिखाएं।
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