Tata के IPO आवेदन के बाद बिगड़ा निवेशकों का मूड, वजह क्या है, समझें
दो दशक के बाद टाटा समूह की किसी कंपनी का आईपीओ आ रहा है। ग्रुप का आखिरी आईपीओ टीसीएस का था, जिसे जुलाई 2004 में लॉन्च किया गया और कंपनी के शेयर इसके अगले महीने सूचीबद्ध हो गए।

टाटा ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी टाटा मोटर्स की सब्सिडयरी का प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) आने वाला है। बीते सप्ताह टाटा मोटर्स की सब्सिडयरी टाटा टेक्नोलॉजीज ने आईपीओ के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दायर किया है। हालांकि, इसके बाद बाजार में टाटा मोटर्स के शेयर दबाव में दिख रहे हैं। एक हफ्ते के दौरान शेयर ने 3.86 प्रतिशत का निगेटिव रिटर्न दिया है।
शेयर का हाल: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन टाटा मोटर्स का शेयर 0.79% की तेजी के साथ 418.95 रुपये पर बंद हुआ है। बता दें कि 6 मार्च को शेयर की कीमत 440 रुपये थी। वहीं, 15 मार्च को शेयर ने 411 रुपये के निचले स्तर को टच किया। ये वो वक्त था जब टाटा मोटर्स की सब्सिडयरी ने आईपीओ के लिए आवेदन कर दिया था।
बाजार का सेंटिमेंट: एक्सपर्ट की मानें तो टाटा मोटर्स के शेयर में दबाव की वजह बाजार का सेंटिमेंट है। बीते कुछ दिनों से अमेरिका में बैंकिंग संकट का असर भारत के शेयर बाजार पर पड़ा है और यह दबाव में है। बता दें कि दो दशक के बाद टाटा समूह की किसी कंपनी का आईपीओ आ रहा है। ग्रुप का आखिरी आईपीओ टीसीएस का था, जिसे जुलाई 2004 में लॉन्च किया गया और कंपनी के शेयर इसके अगले महीने सूचीबद्ध हो गए।
टाटा टेक्नोलॉजीज की प्रमोटर टाटा मोटर्स 81.1 मिलियन शेयर (20 प्रतिशत हिस्सेदारी) बेच रही है। वहीं, अल्फा टीसी होल्डिंग्स 9.7 मिलियन शेयर (2.4 प्रतिशत हिस्सेदारी) और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड अन्य 4.9 मिलियन शेयर (1.2 प्रतिशत हिस्सेदारी) बेचेगी।