शेयर बाजार के हाहाकार के बीच कल ट्रेडिंग बंद, आखिर क्या है वजह? जानिए यहां
Stock Market Holiday On Dussehra: देशभर में दशहरा उत्सव के कारण 24 अक्टूबर को भारतीय बाजार में कारोबार नहीं खुलेगा। इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव, एसएलबी और करेंसी जैसे सेगमेंट में ट्रेडिंग बंद रहेगी।

Stock Market Holiday On Dussehra: देशभर में दशहरा उत्सव के कारण 24 अक्टूबर को भारतीय बाजार में कारोबार नहीं खुलेगा। इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव, एसएलबी और करेंसी जैसे सेगमेंट में ट्रेडिंग बंद रहेगी। बता दें कि अक्टूबर में यह दूसरा दिन है जब बाजार किसी त्योहार या सरकारी अवकाश की वजह से बंद रहेगा। इससे पहले 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर भी बाजार बंद था।अ आज सोमवार को सेंसेक्स ने 65,453.92 और 65,342.58 के दायरे में कारोबार किया, जबकि निफ्टी 50 ने क्रमशः 19,556.85 से 19,514.60 के बीच कारोबार किया।
बाजार में गिरावट का असर
अमेरिकी सरकार का बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड्स 5 प्रतिशत पर पहुंच गया है। करीब 15 साल बाद बॉन्ड यील्ड्स इस स्तर पर आया है। इससे पहले साल 2007 में ऐसे हालात बने थे। एक्सपर्ट बताते हैं कि ऊंची अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड दूसरे निवेश, इक्विटी, रियल एस्टेट या बॉन्ड के लिए अनुमानित रिटर्न को बढ़ाती है। इसके अलावा महंगाई की वजह से भी अमेरिका में निवेशकों के बीच डर का माहौल है। बीते दिनों अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने महंगाई को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं। ऐसे में आशंकाएं हैं कि एक बार फिर फेड रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। इस वजह से मंदी की आशंकाएं जाहिर की जा रही है। इसके अलावा मध्य पूर्व में गहराते संघर्ष ने भी निवेशकों के बीच डर का माहौल बनाया हुआ है। बता दें कि इजरायल और गाजा के बीच का संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इस जंग की वजह से हजारों लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, हर मोर्चे पर नुकसान भी हो रहा है।
यह भी पढ़ें- डिज्नी के भारत के कारोबार को खरीदेंगे मुकेश अंबानी, फाइनल स्टेज में है डील!
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा, “आखिरी घंटे के कारोबार में बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई क्योंकि पश्चिम एशिया क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण बिकवाली लहर शुरू हो गई।'' उन्होंने कहा, “निवेशक पहले से ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति को लेकर चिंतित हैं और इजराइल-हमास संघर्ष से अनिश्चितता और बढ़ गई है। वैश्विक इक्विटी में कमजोर धारणा बन गई है।”
