क्रेडिट कार्ड बिल का कराया सेटलमेंट, तो नहीं मिलेगा कोई भी लोन- जानें नियम
अगर किसी कारणवश आप क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुका पा रहे हैं तो सेटलमेंट का विकल्प कदापि न चुनें। अगर आप ऐसा करते हैं तो दोबारा घर, वाहन या किसी अन्य चीज के लिए कर्ज मिलना मुश्किल होगा। विशेषज्ञों...
अगर किसी कारणवश आप क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुका पा रहे हैं तो सेटलमेंट का विकल्प कदापि न चुनें। अगर आप ऐसा करते हैं तो दोबारा घर, वाहन या किसी अन्य चीज के लिए कर्ज मिलना मुश्किल होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी का लंबे समय से क्रेडिट कार्ड का बिल बकाया रहता है तो बैंक या तीसरे पक्ष की ओर से इसके सेटलमेंट (निपटारे) की पेशकश की जाती है। अक्सर सेटलमेंट के लिए की गई पेशकश ब्याज, जुर्माने समेत कुल बिल का महज 40-50 फीसदी होती है। सस्ते में कर्ज के भंवर से निकलने की जल्दबाजी में हम इस पेशकश को स्वीकार कर लेते हैं, जो भविष्य में हमारे लिए मुश्किलें खड़ी करती है। कर्जदार की मृत्यु, आर्थिक संकट या अन्य मुश्किलों के वक्त अक्सर लोग कर्ज के भंवर में फंस जाते हैं। लेकिन इसका मतलब नहीं है कि वे आनन-फानन में अपने लोन का सेटलमेंट करा लें और बड़ी मुसीबत मोल ले लें।
कम भुगतान का ऑफर
अगर आपका क्रेडिट कार्ड बिल 60-70 हजार रुपये है तो सेटलमेंट के तौर पर आपको 30 से 35 हजार रुपये चुकाकर पूरे मामले के निपटारे की पेशकश की जा सकती है। अगर पेशकश तीसरे पक्ष से होती है तो उसका कमीशन भी इसमें होता है। लेकिन बैंक या एजेंसियां आपको यह नहीं बताती हैं कि इससे आपकी सिबिल रिपोर्ट खराब हो जाएगी और यह आपके लिए भविष्य में मुश्किलें खड़ी करेगा।
न्यूनतम बकाया चुकाते रहें
अगर आप क्रेडिट कार्ड का कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं तो पूरी रकम की व्यवस्था होने तक सबसे पहले यह करें कि न्यूनतम बकाया यानी मिनिमम ड्यू पेमेंट को चुकाते रहें। फिर चाहे इस पर भारी ब्याज ही क्यों न देना पड़े।.
लोन लेकर बकाया चुकाएं
पर्सनल लोन, गोल्ड लोन लेकर क्रेडिट कार्ड बिल चुकाना महंगा जरूर पड़ सकता है, लेकिन यह भविष्य के लिए बेहतरहै। क्रेडिट कार्ड का एकमुश्त भुगतान कर आप लोन की ईएमआई कम बोझ के साथ पूरी कर सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर पर भारी पड़ेगी आपकी ये गलती
कर्ज विवाद के बाद 40 फीसदी क्रेडिट कार्ड ग्राहक सेटलमेंट की पेशकश को स्वीकार कर लेते हैं। लेकिन यह आपके क्रेडिट स्कोर पर भारी पड़ता है। इसकी बजाय दूसरा कर्ज लेकर इसकी भरपाई करना ज्यादा समझदारी है। वैसे तो ग्राहकों के लिए समझदारी है कि वह अपना बिल समय पर चुकाएं, ताकि उन्हें भविष्य में क्रेडिट लिमिट या शुल्क में छूट जैसे फायदे मिल सकें।
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