बैंकिंग शेयरों पर दबाव से लुढ़का बाजार, सेंसेक्स 162 अंक टूटा
वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के बीच वित्तीय घाटे के आंकड़े और पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के बाद बैंकिंग क्षेत्र पर बढ़ रहे दबाव से हताश घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को जमकर बिकवाली की। इससे...
वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के बीच वित्तीय घाटे के आंकड़े और पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के बाद बैंकिंग क्षेत्र पर बढ़ रहे दबाव से हताश घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को जमकर बिकवाली की। इससे बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 162 अंक लुढ़ककर 34,184 अंक पर बंद हुआ। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 61 अंक फिसलकर 10,493 अंक पर आ गया।
छोटे शेयर चढ़े, मझोले धड़ाम
बीएसई के मिडकैप सूचकांक में गिरावट रही। वहीं स्मॉलकैप सूचकांकों में तेजी रही। बीएसई का मिडकैप सूचकांक 38 अंकों की गिरावट के साथ 16,562.59 पर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 38 अंकों की तेजी के साथ 18,127.93 पर बंद हुआ।
बैंकिंग और धातु शेयरों में ज्यादा नुकसान
बीएसई के 20 में से 15 में गिरावट दर्ज की गई। इसमें धातु शेयर में 1.21 फीसदी और बैंकिंग में 0.96 फीसदी का नुकसान हुआ। जबकि वित्त 0.82 में फीसदी, आधारभूत सामग्री में 0.71 फीसदी और एफएमसीजी में 0.69 फीसदी का नुकसान हुआ।
वित्तीय घाटा बढ़ने का भी असर
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि वैश्विक रुख के अलावा कई घरेलू कारणों से निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है जिससे शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट में रहे। अप्रैल-जनवरी में वित्तीय घाटा 6.67 लाख करोड़ रहा। जबकि गत वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 5.64 लाख करोड़ रुपये रहा था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में 5.9 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित वित्तीय घाटा लक्ष्य की घोषणा की थी लेकिन वित्तीय घाटा उससे कहीं अधिक हुआ है। इसके अलावा निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई ने भी यह खुलासा किया है कि उससे नीरव मोदी ने कोई कर्ज नहीं लिया है लेकिन उसने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में कथित रूप से संलिप्त गीतांजलि समूह को कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान किया है। बैंक के इस खुलासे और पीएनबीबी घोटाले में नित नई कार्रवाई होने से बैंकिंग समूह दबाव में है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा भी लगातार तीसरे दिन टूटी है और निवेशक विनिमार्ण गतिविधियों के फरवरी में सुस्त रहने की रिपोर्ट से भी हतोत्साहित हुए हैं। उपभोक्ता मांग सुस्त होने से धातु समूह के सूचकांक में सबसे अधिक गिरावट रही। विदेशी बाजारों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नये अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के बयान का असर हावी है। पॉवेल ने अमेरिकी कांग्रेस में दिये अपने बयान में ब्याज दर बढाये जाने की रफ्तार तेज करने के संकेत दिये हैं। ब्याज दर बढ़ने की स्थिति में निवेशकों का रूझान जोखिम भरी परिसंपत्ति में कम हो जाता है। इसी बीच चीन के सुस्त विनिमार्ण आंकड़े से एशियाई बाजार भी धराशायी हो गए हैं।
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