सेंसेक्स जाएगा 100000 के पार अगर 2024 में बनेगी मोदी सरकार!
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज में इक्विटी स्ट्रैटजी के ग्लोबल हेड क्रिस वुड ने कहा है कि बीएसई सेंसेक्स 1,00,000 अंक के पार हो सकता है, लेकिन इस मुकाम को हासिल करने में उसे पांच साल का वक्त लग सकता है।

जहां दुनियाभर के शेयर बाजारों को मंदी सता रही है, वहीं भारतीय शेयर बाजार अभी और उड़ान भरने को बेताब हैं। आने वाले कुछ सालों में सेंसेक्स 100000 के स्तर को पार कर सकता है। ऐसा दावा भारतीय शेयर मार्केट के जानकार क्रिस वुड (Chris Wood) ने किया है। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज में इक्विटी स्ट्रैटजी के ग्लोबल हेड क्रिस वुड ने कहा है कि बीएसई सेंसेक्स 1,00,000 अंक के पार हो सकता है, लेकिन इस मुकाम को हासिल करने में उसे पांच साल का वक्त लग सकता है।
क्या मोदी सरकार फिर से चुनकर आएगी
वुड ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म में तेजी जारी रहेगी, लेकिन शॉर्ट टर्म में उसके लिए कुछ सवाल अहम हैं। देश में अगले साल आम चुनाव होने हैं और इससे संबंधित उनका पहला सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार फिर से चुनकर आएगी? पिछले कुछ समय से शेयर मार्केट एक टाइट रेंज में ट्रेड कर रहा है। इस कारण रिटेल इनवेस्टर्स की एक्टिविटी में कमी आई है। ऐसे में दूसरा जोखिम रिटेल इनवेस्टर्स से जुड़ा हुआ है।
यह भी पढ़ें: 20 पैसे से ₹386 पर पहुंचा यह शेयर, कंपनी के रिजल्ट के बाद आज भी भर रहा उड़ान
राह में रोड़ा बन सकते हैं ये आंकड़े
जून 2022 में एक्टिव डीमैट खातों की संख्या 3.8 करोड़ थी, जो अप्रैल 2023 में घटकर 3.1 करोड़ रह गई है। सेंसेक्स पिछले कुछ समय से एक सीमित रेंज में ट्रेड कर रहा है। वुड ने कहा, 'अगले 12 महीने के दौरान यह सवाल हावी रहेगा कि मोदी सरकार फिर से सत्ता में आएगी या नहीं। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स की एक्टिविटी में गिरावट भी चिंता का विषय है।' फरवरी तक तीन महीने में विदेशी निवेशकों ने 4.5 अरब डॉलर के भारतीय शेयर बेचे थे , जबकि मार्च से वे सात अरब डॉलर के शेयर खरीद चुके हैं। यानी घरेलू बाजार में एक फिर एफआईआई फ्लो ने यू-टर्न ले लिया है।
संभव है सेंसेक्स लखटकिया उड़ान
अगर सेंसेक्स की चाल की बात करें तो पिछले 5 सालों में यह 76.83 फीसद चढ़कर 62292 के स्तर तक पहुंच चुका है। इस अवधि में 27073 अंकों की उछाल दर्ज की गई। वहीं पिछले 3 साल की बात करें तो सेंसेक्स 3 अप्रैल 2020 के 27590 से काफी ऊपर है। नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षों में इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में 150 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। ऐसे में वुड का दावा गलत नहीं है।