टेलीकॉम सेक्टर को राहत देने की कोशिश में मंत्रालय, करीब 1 घंटे चली बैठक
दूरसंचार विभाग और अन्य प्रमुख मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की रविवार (23 फरवरी) को बैठक हुई। यह बैठक कंनियों पर सांविधिक बकायों मामले से परेशान दूरसंचार उद्योग को राहत देने के उपायों पर चर्चा के...
दूरसंचार विभाग और अन्य प्रमुख मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की रविवार (23 फरवरी) को बैठक हुई। यह बैठक कंनियों पर सांविधिक बकायों मामले से परेशान दूरसंचार उद्योग को राहत देने के उपायों पर चर्चा के लिए हुई। दूरसंचार उद्योग बड़े पैमाने पर सांविधिक बकाए के कारण अप्रत्यशित संकट से निपटने के लिये संघर्ष कर रहा है।
यह बैठक दूरसंचार विभाग में हुई और करीब एक घंटे चली। ऐसा कहा जा रहा है कि बैठक में सरकार के समक्ष उपलब्ध उन विकल्पों पर विचार किया गया जो समायोजित सकल आय (एजीआर) के बकाए से प्रभावित उद्योग को उपलब्घ कराया जा सकता है। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने पिछले सप्ताह सरकार से शुल्क और करों में छूट देने की अपील की ताकि अप्रत्याशित संकट से क्षेत्र को उबारा जा सके।
रविवार को हुई बैठक के बारे में अधिकारियों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि बैठक में नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे। दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब दूरसंचार कंपनियां 1.47 लाख करोड़ रुपए के सांविधिक बकाया लौटाने से जूझ रहे हैं। इसमें 92,642 करोड़ लाइसेंस शुल्क के रूप में तथा 55,054 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में बकाया है।
इस बकाए में ब्याज ओर जुर्माना शामिल हैं। कुल बकाए में करीब 60 प्रतिशत एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया इन दो कंपनियों पर बकाया है। सरकार एजीआर के बकाया मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन के साथ क्षेत्र की सेहत तथा ग्राहकों के हितों के बीच संतुलन साधने की कोशिश कर रही है।
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