सेबी ने ग्रास रूट फाइनेंस समेत 14 को 'बाजार' में कारोबार करने से प्रतिबंधित किया
सेबी ने सार्वजनिक निर्गम के नियमों का पालन किए बिना धन जुटाने पर ग्रास रूट फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड और 13 अन्य को प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी जांच...
सेबी ने सार्वजनिक निर्गम के नियमों का पालन किए बिना धन जुटाने पर ग्रास रूट फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड और 13 अन्य को प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया है।
सेबी जांच में पाया गया है कि कंपनी ने सार्वजनिक निर्गम के जरिए 1995—96 और 2006—07 के बीच 9,321 लोगों को इक्विटी शेयर जारी करके 6.80 करोड़ रुपए जुटाए।
नियमों के मुताबिक, अगर कंपनी द्वारा 50 से अधिक निवेशकों को शेयर जारी किए जाते हैं तो यह सार्वजनिक निर्गम के योग्य होता है और उसे मान्यता प्राप्त शेयरबाजारों पर सूचीबद्ध करना जरूरी होता है। इसके अलावा, कंपनी को एक विवरण पुस्तिका पेश करने भी जररत होती है, हालांकि कंपनी ऐसा करने में विफल रही है।
सेबी ने 18 अक्तूबर को जारी अंतरिम आदेश में कहा कि शेयर आवंटन मामले में ग्रास रूट को प्रथम दष्टया कंपनी अधिनियमों के प्रावधानों का उल्लंन करते हुए पाया गया है।
सेबी ने पूर्णकालिक सदस्य जी महालिंगम ने कहा, मैंने पाया कि कंपनी ने बिना नियमों का पालन किए इक्विटी शेयरों का सार्वजनिक निर्गम पेश किया जो कि कंपनी अधिनियमों के प्रावधानों का उल्लंन है़ इसके साथ ही सेबी के दिशा-निर्देशों का भी उल्लंन है।
सेबी ने कहा कि ग्रास रूट फाइनेंस और जितेन चंद्रा बोरा, ज्ञानेश्वर सैकिया, करणा बोरा, गोपी भूइयां राम, हरीश गोयारी, विकास रॉय, प्रदीप शमार्, केशब गोगोई, भूपेन बुरहा गोहेन, प्रदीप हजारिका, मीनाराम हजारिका, गुलुक गोगोई और खरगेश्वर दास को प्रतिभूति बाजार का इस्तेमाल करने और खरीद, बिक्री या सौदा करने से रोक दिया गया है।
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