Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Scope for tax up to 75 percent on cigarettes bidis and smokeless tobacco products

सिगरेट, बीड़ी और धुंआ रहित तंबाकू उत्पादों पर 75 फीसदी तक TAX लगने की गुंजाइश

जीएसटी रेट, मुआवजा उपकर, एनसीसीडी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क को जोड़कर, कुल कर बोझ (अंतिम कर समावेशी खुदरा मूल्य के प्रतिशत के रूप में कर) सिगरेट के लिए लगभग 52.7, बीड़ी के लिए 22 फीसद है।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली, विशेष संवाददाता।, Mon, 2 Jan 2023 08:30 AM
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सिगरेट, बीड़ी और धुंआ रहित तंबाकू उत्पादों पर 75 फीसदी तक TAX लगने की गुंजाइश

नए साल की शुरुआत के साथ बजट की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच देश के जाने-माने अर्थशास्त्रित्त्यों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह अगले बजट में तंबाकू उत्पादों पर डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के अनुरूप कर 75 फीसदी तक बढ़ाएं। इससे सरकार को ज्यादा राजस्व मिले और लोग इनके सेवन में कमी लाएं।

10 वर्षों में सिगरेट, बीड़ी और धुंआ रहित तंबाकू तेजी से सस्ते होते गए

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अरविंद मोहन ने कहा कि देश को पांच खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को सिर्फ निवेश से हासिल नहीं किया जा सकता। इसमें कुल कारक उत्पादकता (टीएफसी) जैसे विकल्पों को भी लागू करना होगा जिसमें इस प्रकार के उत्पादों में करों की बढ़ोत्तरी शामिल है।

तंबाकू से देश में 13 लाख लोगों की हर साल मौत

तंबाकू से देश में 13 लाख लोगों की हर साल मौत हो जाती है और एक करोड़ लोग गरीबी में चले जाते हैं। इसलिए तंबाकू कराधान में बदलाव जरूरी है। एक अध्ययन के अनुसार पिछले 10 वर्षों में सिगरेट, बीड़ी और धुंआ रहित तंबाकू तेजी से सस्ते होते गए हैं। जुलाई 2017 में जीएसटी की शुरुआत के बाद से तंबाकू करों में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है।

अभी कितना है टैक्स

वर्तमान जीएसटी दर, मुआवजा उपकर, एनसीसीडी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क को जोड़कर, कुल कर बोझ (अंतिम कर समावेशी खुदरा मूल्य के प्रतिशत के रूप में कर) सिगरेट के लिए लगभग 52.7, बीड़ी के लिए 22 और धुआं रहित तंबाकू के लिए 63.8 फीसद है। डब्ल्यूएचओ सभी तंबाकू उत्पादों के लिए खुदरा मूल्य के कम से कम 75 फीसद टैक्स के बोझ की सिफारिश करता है। सभी तंबाकू उत्पादों पर मौजूदा कर का बोझ इससे कहीं कम है।

इंस्टीट्यूट ऑफ इनकनोमिक ग्रोथ, के प्रोफेसर प्रवीर साहू ने कहा कि तंबाकू उत्पादों पर उच्च कराधान के परिणामस्वरूप कीमतें ज्यादा होती हैं जो कि तंबाकू की खपत और इसकी शुरुआत को दीक्षा को कम करने और हतोत्साहित करने के सबसे किफायती, आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है।

ये उत्पाद अपेक्षाकृत सस्ते

यदि हम आय और मुद्रास्फीति में वृद्धि को ध्यान में रखते हैं, तो जीएसटी के बाद की अवधि के दौरान तंबाकू के उत्पादों पर कर की दर में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है, इससे ये उत्पाद अपेक्षाकृत सस्ते हो गए हैं। भारत दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है जिसका मानव स्वास्थ्य/जीवन के नुकसान और स्वास्थ्य देखभाल व्यय के संदर्भ में बहुत बड़ा प्रभाव है। इसलिए, अब समय आ गया है कि अधिक टैक्स लगाकर तंबाकू उत्पादों को महंगा बनाया जाएं।

स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने हाल ही में कैंसर देखभाल योजना और प्रबंधन पर एक प्रासंगिक और व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इसमें भारत में कैंसर के कारणों का विस्तृत अध्ययन किया और चिंता प्रकट की कि देश में तंबाकू उत्पादों की कीमतें अन्य देश की तुलना में कम हैं। ऐसा कर कम होने की वजह से है।अगले बजट में डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों को लागू करें, सरकार को ज्यादा राजस्व और तंबाकू के सेवन में कमी लाने में मदद मिलेगी

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