Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़SBI to alter minimum balance mandate for savings accounts

SBI ग्राहकों के लिए खुशखबरी! कम हो सकती है मिनिमम बैलेंस की सीमा

बचत खातों में मासिक औसत न्यूनतम राशि (मंथली मिनिमम बैलेंस) नहीं रखने पर ग्राहकों से जुर्माने के तौर पर 1,771 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने पर चौतरफा कड़ी आलोचना झेल रहे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने...

एजेंसी नई दिल्लीFri, 5 Jan 2018 06:34 PM
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बचत खातों में मासिक औसत न्यूनतम राशि (मंथली मिनिमम बैलेंस) नहीं रखने पर ग्राहकों से जुर्माने के तौर पर 1,771 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने पर चौतरफा कड़ी आलोचना झेल रहे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह न्यूनतम राशि और जुर्माना राशि को फिर से तय करने का विचार कर रहा है।

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अप्रैल 2017 में मासिक औसत न्यूनतम राशि (एमएबी) शुल्कों को संशोधित किया था। यह उसने पांच साल के अंतराल के बाद किया था। उसने मेट्रो शहरों के खाते में एमएबी को 5,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये रखा था। इससे कम राशि पर जुर्माना लगाया था।

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 40.2 करोड़ बचत खाता धारकों वाले इस बैंक ने इस मद में अप्रैल 2017 से नवंबर 2017 के बीच एमएबी पर जुर्माने के तौर पर 1,771.67 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। यह उसके दूसरी तिमाही के लाभ से भी ज्यादा है।

खुदरा एवं डिजिटल बैंकिंग के लिए बैंक के प्रबंध निदेशक पी. के. गुप्ता ने आज यहां पत्रकारों से कहा, ''एमएबी को अप्रैल में लागू करने के बाद से हम इसकी लगातार समीक्षा करते रहते हैं और अक्तूबर में हमने इसे कुछ कम भी किया था। अब हम दोबारा इसकी समीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्राप्त हुई प्रतिक्रियाओं के आधार पर एमएबी और उस पर जुर्माने की हम समग्र समीक्षा कर रहे हैं। जल्द ही संशोधनों की घोषणा की जाएगी।

मौजूदा समय में मेट्रो और शहरी इलाकों में बचत खातों के लिए एमएबी 3,000 रुपये है जिसके ना रखने पर जुर्माना 30 से 50 रुपये और कर अलग से है।

इसी प्रकार अर्द्धशहरी इलाकों में एमएबी 2,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 1,000 रुपये है। इसके ना रखने पर जुर्माना 20 से 40 रुपये और कर अलग से है।

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