दिवालिया होगी JP ग्रुप की कंपनी? SBI ने NCLT से कहा- नहीं दिया बकाया
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ के समक्ष दायर अपनी अर्जी में कहा है कि 15 सितंबर, 2022 तक जेपी समूह की कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स पर उसका कुल बकाया 6,893.15 करोड़ रुपये है।
रियल एस्टेट की दिग्गज जेपी समूह की कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इसके लिए देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का रुख किया है। आपको बता दें कि जयप्रकाश एसोसिएट्स कर्ज में डूबी कंपनी है।
क्या कहा एसबीआई ने: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ के समक्ष दायर अपनी अर्जी में कहा है कि 15 सितंबर, 2022 तक जयप्रकाश एसोसिएट्स पर उसका कुल बकाया 6,893.15 करोड़ रुपये है। एसबीआई के मुताबिक जयप्रकाश एसोसिएट्स की तरफ से लोन री-पेमेंट में बार-बार चूक की गई और कर्ज का री-स्ट्रक्चरिंग किए जाने के बावजूद अनियमितता जारी रही।
बैंक ने कहा कि ऐसी स्थिति में कर्जदार कंपनी के खिलाफ कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू किए जाने का मामला बनता है। बैंक ने एनसीएलटी से ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) की धारा 7 के तहत जेएएल के खिलाफ ऋण स्थगन का आदेश देने की भी मांग की है। इसके साथ ही बैंक ने कर्जदार कंपनी के अंतरिम समाधान पेशेवर के तौर पर भुवन मदन का नाम प्रस्तावित किया है।
क्या कहा कंपनी ने: जेपी समूह की कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स का कहना है कि बकाया कर्ज को चुकाने के लिए अपने सीमेंट कारखानों की बिक्री की है और कर्जदाताओं की चिंताएं दूर करने के लिए वह आगे भी कदम उठाएगी। कंपनी ने कहा कि 15 सिंतबर तक एसबीआई को 6,892.47 करोड़ रुपये की कुल देनदारी बनती है। इसमें ब्याज और अन्य खर्चें भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि अगस्त, 2017 में रिजर्व बैंक की तरफ से जारी 26 बड़ी चूककर्ता कंपनियों की सूची में जेपी समूह की कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स शामिल थी और उसके खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई थी।