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SBI : 1 जुलाई से लाखों लोगों को मिलेगा फायदा, बैंक देगा सस्ते होम लोन का विकल्प

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई रेपो दर आधारित होम लोन की योजना पेश की है, जो एक जुलाई से लागू होगी। इससे आवास ऋण की ब्याज दरों में और राहत मिल सकती है। हालांकि कुछ नियम-शर्तों के दायरे में आने वाले ही...

SBI : 1 जुलाई से लाखों लोगों को मिलेगा फायदा, बैंक देगा सस्ते होम लोन का विकल्प
हिटी,नई दिल्लीMon, 17 Jun 2019 02:16 PM
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देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई रेपो दर आधारित होम लोन की योजना पेश की है, जो एक जुलाई से लागू होगी। इससे आवास ऋण की ब्याज दरों में और राहत मिल सकती है। हालांकि कुछ नियम-शर्तों के दायरे में आने वाले ही इसका फायदा उठा पाएंगे। यह पहला बैंक है, जिसने आवास ऋण की दरों को सीधे आरबीआई द्वारा निर्धारित नीतिगत ब्याज दरों से जोड़ा है।

रेपो रेट लिंक्ड होम लोन प्लान में कम से कम सालाना छह लाख रुपये की आय वाले ही दायरे में होंगे। वहीं ऋण की समयावधि भी 35 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वहीं अगर आपका लोन मकान की कुल कीमत के 80 प्रतिशत से ज्यादा होगा तो ब्याज दर 0.20 फीसदी और बढ़ जाएगी।

अभी तक फ्लोटिंग रेट पर जितने भी होम लोन चल रहे हैं, वे सीमांत लागत कोष की दरों (एमसीएलआर) पर आधारित होते हैं। एमसीएलआर की व्यवस्था अगस्त 2016 से बैंक अपना रहे हैं। साथ ही लोन का कम से कम तीन प्रतिशत मूल धन के रूप में हर साल चुकाना पड़ेगा। इसमें अधिकतम लोन अवधि 33 साल हो सकती है और निर्माणाधीन मकान पर अधिकतम दो साल का मोरेटोरियम (ऋण स्थगन अवधि) दिया जा सकता है। 

दोनों विकल्प ग्राहकों के पास रहेंगे
एसबीआई के प्रबंध निदेशक पीके गुप्ता का कहना है कि रेपो रेट लिंक्ड प्लान के अलावा एमसीएलआर का विकल्प भी ग्राहकों के पास रहेगा। होम लोन चाहने वाले इसमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। अगर आप रेपो दर का प्लान चुनते हैं तो रिजर्व बैंक द्वारा तय की जाने वाली नीतिगत ब्याज दरों का सीधा प्रभाव होम लोन रेट पर दिखेगा। 

रेपो दर जितनी नहीं होगी ब्याज दर
रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को कम अवधि के लिए दी जाने वाली रकम पर तय ब्याज को रेपो दर कहते हैं। जब रेपो दर में कमी होती है, तो बैंकों को कर्ज लेना सस्ता पड़ता है और वे इसका लाभ होम लोन और अन्य तरह का कर्ज लेने वाले ग्राहकों को देते हैं। हालांकि बैंक कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं देते हैं। 

ऐसे समझें गणित
गुप्ता ने कहा कि रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (आरएलएलआर) का कतई मतलब नहीं है कि होम लोन की दर रेपो दर के बराबर हो जाएगी। आरएलएलआर रेपो दर से 2.25 फीसदी ज्यादा होती है। अभी रेपो दर 5.75 फीसदी है और इससे आरएलएलआर 8 फीसदी हो जाती है। इसके ऊपर भी बैंक लागत के अनुसार 0.40 से 0.55 फीसदी का प्रीमियम लगाते हैं। ऐसे में आपके 75 लाख रुपये तक के होम लोन पर कर्ज की दर 8.40 से 8.55 फीसदी हो सकती है। जबकि एमसीएलआर आधारित होम लोन की ब्याज दर अभी 8.55 से 9.10 प्रतिशत तक है।  

मौजूदा प्लान से 0.15 फीसदी सस्ता
अगर रेपो रेट लिंक्ड प्लान को देखेंगे तो यह मौजूदा ब्याज दर से 0.15 फीसदी सस्ता हो सकता है। आने वाले समय में ब्याज दर में और कमी के आसार हैं, ऐसे में आगे भी राहत मिलेगी। गुप्ता का कहना है कि आगे हम देखेंगे कि ग्राहक इस योजना को कैसे लेते हैं और उसमें और बदलाव किए जाएंगे। हालांकि अगर महंगाई बढ़ी तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी से ईएमआई ज्यादा बढ़ भी सकती है।

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