डॉलर के मुकाबले रुपया 20 पैसा हुआ कमजोर, जानें क्या होगा आप पर असर
घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के चलते रुपया गुरुवार को 20 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75 रुपये के स्तर से नीचे बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कोविड-19 की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए...

घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के चलते रुपया गुरुवार को 20 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75 रुपये के स्तर से नीचे बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कोविड-19 की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए अर्थव्यवस्था पर इसके गहरे प्रकोप के संकेत दिए हैं। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाना वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत बढ़कर 93.17 पर था।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि मजबूत डॉलर, कमजोर घरेलू शेयर बाजार और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की टिप्पणी से निवेशकों की भावनाएं कमजोर हुईं। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.02 के भाव पर बंद हुई, जो 74.82 के पिछले बंद भाव के मुकाबले 20 पैसे कम है। दिन के कारोबार के दौरान रुपये ने 74.93 के ऊपरी स्तर और 75.05 के निचले स्तर को छुआ। आईएफए ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की टिप्पणी आने के बाद अमेरिकी डॉलर में जोरदार मजबूती हुई।
डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से इनको नुकसान
कच्चा तेल पर असर: इस क्षेत्र को रुपये की कमजोरी से सबसे ज्यादा नुकसान होता है, क्योंकि यह आयात किया जाता है। कच्चे तेल का आयात बिल में बढ़ोतरी होगी और विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च करना होगा।

कैपिटल गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान: रुपये की मजबूती से इस सेक्टर को भी राहत मिलती क्योंकि रुपये की मजबूती से भारत में सस्ते कैपिटल गुड्स मिलते हैं। वहीं रुपया कमजोर हो तो कैपिटल गुड्स के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को भी नुकसान , क्योंकि समहंगे इलेक्ट्रॉनिक गु्ड्स आयात किए जा सकेंगे।

उर्वरक की कीमत बढ़ेगी: भारत बड़ी मात्रा में जरूरी उर्वरकों और रसायन का आयात करता है। रुपये की कमजोरी से यह भी महंगा होगा। आयात करने वालों को यह अधिक दाम में कम मिलेगा। इससे इस क्षेत्र को सीधानुकसान होगा। वहीं रुपये की कमजोरी का नकारात्मक असर जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर पर दिखाई देगा। इससे यह महंगा होगा और आयात पर भी इसका असर आएगा।
रुपये की कमजोरी से इन क्षेत्रों को फायदा
आईटी क्षेत्र: रुपये की कमजोरी से कंपनियों को मिलने वाले काम पर इनकम बढ़ेगी, जिससे उनको फायदा होगा।
दवा निर्यात: रुपया कमजोर होने से इस सेक्टर का निर्यात भी बढ़ेगा।
कपड़ा क्षेत्र को फायदा: रुपया मजबूत होता है तो इस सेक्टर को निर्यात में काफी नुकसान होता है। वहीं कमजोर होता है तो फायदा। टेक्सटाइल निर्यात में भारत वैश्विक रैकिंग में फिलहाल दूसरे स्थान पर मौजूद है। यदि रुपया कमजोर हुआ तो इस सेक्टर को भी काफी फायदा होगा।
पढ़ाई सस्तर होगी: रुपया कमजोर होने से विदेशी में पढ़ाई करना सस्ता हो जाएगा। साथ ही विदेश यात्रा भी सस्ती हो जाएगी।