डॉलर के मुकाबले रुपया फिर कमजोर, जानें क्या होगा आपकी जेब पर असर
अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया मंगलवार को 25 पैसे गिरकर 74.93 रुपये प्रति डालर (अस्थाई) पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से रुपये में...
अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया मंगलवार को 25 पैसे गिरकर 74.93 रुपये प्रति डालर (अस्थाई) पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से रुपये में गिरावट का रुख रहा। विदेशी मुद्रा डीलरों का कहना है कि एक तरफ जहां शेयर बाजार की मजबूती और विदेशी मुद्रा प्रवाह से रुपये को समर्थन मिला वहीं दूसरी तरफ मजबूत डॉलर और कोविड- 19 के बढ़ते मामलों की चिंता से रुपये में गिरावट रही।
कारोबार की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले रुपया 74.74 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। यह पिछले दिन के मुकाबले छह पैसे नीचे रहा। एक दिन पहले सोमवार को यह 74.68 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। रिलायंस सिक्युरिटीज ने एक शोध नोट में कहा है, ''एशियाई क्षेत्रों से मजबूती के संकेत हैं। ज्यादातर मुद्राओं में कारोबार की शुरुआत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूती में रही। उम्मीद की जा रही है कि महामारी से जल्द ही निजात मिलेगी।
इस बीच डॉलर सूचकांक जो कि दुनिया की छह मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती का संकेत है 0.04 प्रतिशत बढ़कर 96.75 अंक पर पहुंच गया। दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा 1.15 करोड़ तक पहुंच गया है और मरने वालों का आंकड़ा 5.37 लाख तक पहुंच गया। भारत में कुल संक्रमितों का आंकड़ा सात लाख तक पहुंच गया जबकि 20,160 लोगों की मौत हो चुकी है।
रुपये के कमजोर होने से इस क्षेत्र को नुकसान
- कच्चा तेल पर असर: इस क्षेत्र को रुपये की कमजोरी से सबसे ज्यादा नुकसान होता है, क्योंकि यह आयात किया जाता है। कच्चे तेल का आयात बिल में बढ़ोतरी होगी और विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च करना होगा।
- कैपिटल गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान: रुपये की मजबूती से इस सेक्टर को भी राहत मिलती क्योंकि रुपये की मजबूती से भारत में सस्ते कैपिटल गुड्स मिलते हैं। वहीं रुपया कमजोर हो तो कैपिटल गुड्स के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को भी नुकसान , क्योंकि समहंगे इलेक्ट्रॉनिक गु्ड्स आयात किए जा सकेंगे। रुपये की कमजोरी का नकारात्मक असर जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर पर दिखाई देगा। इससे यह महंगा होगा और आयात पर भी इसका असर आएगा।
- उर्वरक की कीमत बढ़ेगी: भारत बड़ी मात्रा में जरूरी उर्वरकों और रसायन का आयात करता है। रुपये की कमजोरी से यह भी महंगा होगा। आयात करने वालों को यह अधिक दाम में कम मिलेगा। इससे इस क्षेत्र को सीधानुकसान होगा।
रुपये की कमजोरी से इन क्षेत्रों को फायदा
- आईटी क्षेत्र: रुपये की कमजोरी से कंपनियों को मिलने वाले काम पर इनकम बढ़ेगी, जिससे उनको फायदा होगा।
- दवा निर्यात: रुपया कमजोर होने से इस सेक्टर का निर्यात भी बढ़ेगा।
- कपड़ा क्षेत्र को फायदा: रुपया मजबूत होता है तो इस सेक्टर को निर्यात में काफी नुकसान होता है। वहीं कमजोर होता है तो फायदा। टेक्सटाइल निर्यात में भारत वैश्विक रैकिंग में फिलहाल दूसरे स्थान पर मौजूद है। यदि रुपया कमजोर हुआ तो इस सेक्टर को भी काफी फायदा होगा।
- पढ़ाई सस्तर होगी: रुपया कमजोर होने से विदेशी में पढ़ाई करना सस्ता हो जाएगा। साथ ही विदेश यात्रा भी सस्ती हो जाएगी।
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