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1 अक्टूबर से बदल जाएंगे Tax से जुड़े ये नियम, टैक्सपेयर्स के लिए जानना है जरूरी

सितंबर का महीने खत्म होने को है। नया महीना कल 1 अक्टूबर से शुरू होने के साथ टैक्स से जुड़े कुछ नियम भी बदलने वाले हैं। इनमें से कुछ नियम परेशानी बढ़ा सकते हैं। कल से टीवी खरीदना महंगा होने वाला है।...

1 अक्टूबर से बदल जाएंगे Tax से जुड़े ये नियम, टैक्सपेयर्स के लिए जानना है जरूरी
Sheetal Tanwar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 30 Sep 2020 06:06 PM
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सितंबर का महीने खत्म होने को है। नया महीना कल 1 अक्टूबर से शुरू होने के साथ टैक्स से जुड़े कुछ नियम भी बदलने वाले हैं। इनमें से कुछ नियम परेशानी बढ़ा सकते हैं। कल से टीवी खरीदना महंगा होने वाला है। जिन लोगों को दूसरे देशों में पैसा भेजने की जरूरत होती है, उनका खर्च बढ़ने वाला है। आइए जानते हैं 1 अक्टूबर से क्या-क्या बदलाव होंगे।

टीवी खरीदना महंगा होगा
अगले सप्ताह यानी 1 अक्तूबर से टीवी खरीदना महंगा हो जाएगा। ऐसा इसलिए कि सरकार एक अक्तूबर से टीवी के ओपन सेल के आयात पर पांच फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाएगी। इससे टीवी की कीमत में वृद्धि होने की पूरी संभावना है। मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने हेतु सरकार ने यह कदम उठाने का फैसला किया है। वहीं जानकारी के मुताबिक 32 इंच के टेलीविजन का दाम 600 रुपये और 42 इंच का दाम 1,200 से 1,500 रुपये तक बढ़ सकते हैं। बड़े आकार के टेलीविजन के दाम में अधिक वृद्धि होगी।

विदेश पैसे भेजने पर शुल्क बढ़ेगा
केंद्र सरकार ने विदेश पैसे भेजने पर टैक्स वसूलने से जुड़ा नया नियम बना दिया है। नया नियम 1 अक्तूबर 2020 से लागू हो जाएगा। ऐसे में अगर आप विदेश में पढ़ रहे अपने बच्चे के पास पैसे भेजते हैं या किसी रिश्तेदार की आर्थिक मदद करते हैं तो रकम पर पांच फीसदी टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। फाइनेंस एक्ट, 2020 के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत विदेशw`a पैसे भेजने वाले व्यक्ति को टीसीएस देना होगा।

ई-कॉमर्स पर टीडीएस
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अब सेलर्स को किए जाने वाले भुगतान पर एक फीसदी की दर से टीडीएस (TDS) की कटौती करनी होगी। इस कदम का लक्ष्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट्स की बिक्री करने वाले छोटे विक्रेताओं को टैक्स के दायरे में लाने की है। 

बड़े कारोबारियों को जीएसटी की ई-इन्वॉइसिंग (e-invoicing) करनी होगी
एक अक्टूबर से 500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले कारोबारियों के लिए ई-इन्वॉइसिंग को अनिवार्य किया गया है। कारोबारियों को जीएसटीएन द्वारा तय किए गए पोर्टल पर बिक्री की पर्ची भी अपलोड करनी होगी।  

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