Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Relief to all borrowers Even those who do not avail of loan morotorium will not have to pay interest on interest

सभी कर्जदारों को राहत: लोन मोरॉटोरियम का लाभ नहीं उठाने वालों को भी नहीं देना पड़ेगा ब्याज पर ब्याज

बैंक से कर्ज लेने वाले आम लोगों और छोटे तथा मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान घोषित किए गए किस्त स्थगन के तहत दो करोड़...

सभी कर्जदारों को राहत: लोन मोरॉटोरियम का लाभ नहीं उठाने वालों को भी नहीं देना पड़ेगा ब्याज पर ब्याज
Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीSat, 3 Oct 2020 05:06 PM
हमें फॉलो करें

बैंक से कर्ज लेने वाले आम लोगों और छोटे तथा मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान घोषित किए गए किस्त स्थगन के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के ब्याज पर ब्याज छह महीने के लिए नहीं लिया जाएगा।  केंद्र ने कहा कि इस संबंध में सरकार अनुदान जारी करने के लिए संसद से उचित अधिकार मांगेगी। यह अनुदान सरकार द्वारा पहले घोषित किए गए गरीब कल्याण और आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों)को दिए गए 3.7 लाख करोड़ रुपये और आवास ऋण के लिए दिए गए 70,0000 करोड़ रुपये के सहायता पैकेज के अतिरिक्त होगा। 

सभी कर्जदारों को राहत मिलेगी

भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए एक हलफनामे में अदालत से कहा गया है कि किस्त स्थगन की अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज के संबंध में खास श्रेणियों में सभी कर्जदारों को राहत मिलेगी, चाहें उन्होंने किस्त स्थगन का लाभ उठाया हो या नहीं।   हलफनामे में कहा गया, ''इसलिए, सरकार ने फैसला किया है कि छह महीने की किस्त स्थगन अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज की माफी कर्जदारों की सबसे कमजोर श्रेणी तक सीमित होगी। कर्जदारों की इस श्रेणी के तहत दो करोड़ रुपये तक के एमएमएमई ऋण और व्यक्तिगत ऋण पर ब्याज पर ब्याज माफ किया जाएगा।

सरकार ने ऋणों को आठ श्रेणियों में बांटा है, जिनमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग), शिक्षा, आवास, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो ऋण, व्यक्तिगत ऋण और उपभोग आधारित ऋण शामिल हैं। सरकार ने हलफनामे में आगे कहा है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था,जिसकी ऋण राशि दो करोड़ रुपये से अधिक है, वह ब्याज पर ब्याज से छूट के लिए पात्र नहीं होगा। हलफनामे में कहा गया है कि समग्र परिस्थितियों पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद और सभी संभावित विकल्पों का मूल्यांकन करने के बाद सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की परंपरा को जारी रखने का फैसला किया है।
     
इससे पहले कई पक्षों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर 27 मार्च के आरबीआई के उस परिपत्र की वैधता को चुनौती दी गई थी, जिसमें उसने कर्ज देने वाले संस्थानों को एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच ऋण की किस्तों के स्थगन की इजाजत दी थी। बाद में किस्त स्थगन की अवधि को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया। इन याचिकाओं के जवाब में केंद्र ने यह हलफनामा दाखिल किया।  इससे पहले इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि स्थगन अवधि के दौरान टाली गई किस्तों पर ब्याज माफी उन लोगों के मद्देनजर अनुचित होगी, जिन्होंने समय पर किस्तें चुकाई हैं। 

केंद्र ने ताजा हलफनामे में कहा कि चक्रवृद्धि ब्याज को माफ करने का वित्तीय बोझ बहुत अधिक होगा और बैंकों के लिए जमाकर्ताओं पर वित्तीय प्रभाव डाले बिना इस बोझ को वहन करना असंभव है, जो व्यापक राष्ट्रीय आर्थिक हित में भी नहीं होगा।  हलाफनामे में कहा गया कि इन परिस्थितियों में एकमात्र समाधान यह है कि सरकार चक्रवृद्धि ब्याज की माफी से पड़ने वाले बोझ को वहन कर ले। इसमें कहा गया कि आरबीआई द्वारा विभिन्न परिपत्रों को जारी करते हुए यह स्पष्ट किया गया था कि किस्त स्थगन का अर्थ ब्याज की छूट नहीं था, बल्कि इसका अर्थ था- ब्याज को टालना। सरकार ने कहा कि कर्जदारों ने भी इस बात को समझा और अधिकांश ने किस्त स्थगन का लाभ नहीं लिया है, जो किस्तों के भुगतान को टालने के अलावा और कुछ नहीं है।

केंद्र सरकार ने कहा कि ऐसे कर्जदारों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक होगी।  इससे पहले केंद्र ने 28 सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि किस्त स्थगन के दौरान बैंकों के ब्याज पर ब्याज लेने के बारे में 2-3 दिन में फैसला कर लिया जाएगा। इस संबंध में शीर्ष न्यायालय ने केंद्र से निर्णय को रिकॉर्ड में लाने और संबंधित पक्षकारों को हलफनामा देने को कहा था।  न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में पांच अक्टूबर को सुनवाई करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायामूर्ति एम आर शाह भी शामिल हैं।
 

 जानें Hindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

ऐप पर पढ़ें